- पंजाब पुलिस ने डीजीपी पर दर्ज मामले की जांच को किया तेज
- सैनी को जिला अदालत से मिल चुकी है अग्रिम जमानत
वहीं, अदालत ने उन्हें सात दिनों में इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन करने के आदेश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, एसआईटी का नेतृत्व एसपी हरमनदीप हंस करेंगे। उनके अलावा डीएसपी इन्वेस्टिगेशन बिक्रमजीत सिंह और मटौर थाने के एसएचओ राजीव कुमार भी टीम में हैं। यह टीम जल्द ही सैनी को जांच ज्वाइन करने के लिए बुलाएगी। एसआईटी गठित करने की पुष्टि खुद हरमनदीप सिंह हंस ने की। जबकि मामले में नामजद अन्य लोगों को भी पुलिस गिरफ्तार करने की तैयारी में है।
जिक्रयोग है कि 1991 में जब सुमेध सिंह सैनी एसएसपी चंडीगढ़ के पद पर तैनात थे, उस समय उन पर एक आतंकी हमला हुआ था। इसमें उनका बचाव हो गया था। जबकि इस मामले में उनके चार सुरक्षा कर्मी मारे गए थे। आरोप है कि इसके बाद सैनी के आदेश पर चंडीगढ़ पुलिस ने सीनियर आईएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्लानी को मोहाली स्थित घर से जबरदस्ती उठाया था।
वह सिटको चंडीगढ़ में जेई के पद पर था। परिवार का आरोप था कि वह उसके बाद घर नहीं लौटा है। यह मामला पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीत कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद परिवार ने कुछ नई चीजें व तथ्य आने के बाद मोहाली के मटौर थाने में केस दर्ज करवाया गया है। इसमें सैनी समेत आठ लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
इन शर्तों पर मिली पूर्व डीजीपी को जमानत
पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को अग्रिम जमानत मिलते ही अब उनकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई थी। वहीं, उन्हें 50 हजार का बॉन्ड भरने के लिए अदालत ने कहा था। इसके साथ ही 7 दिनों के अदंर उन्हें पुलिस की इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन करनी होगी। उन्हें जांच में सहयोग करना होगा। वहीं, उन्हें अपना पासपोर्ट भी जांच अधिकारी के सामने सरेंडर करना होगा। वह कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश यात्रा भी नहीं करेंगे। इसके अलावा कई अन्य शर्तें भी शामिल हैं।