अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में मौजूदा समय में तीन जमाती मरीज दाखिल किए गए हैं। इनमें दो सत्रह-सत्रह साल के दो नाबालिग और 55 साल का व्यक्ति है। ई-ब्लॉक स्थित आईसोलेशन वार्ड में इन्हें दाखिल किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तीनों गाजियाबाद के रहने वाले हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल हुए थे।
अत्यधिक भीड़ होने के कारण ये वहां से 18 मार्च को लौट आए। इसके बाद इन्हें नालागढ़ में पकड़ा गया और क्वारंटीन किया गया। जब सैंपल जांच के लिए आईजीएमसी भेजे तो देर रात इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जो लोग कुछ समय पहले विदेशों से हिमाचल लौटे हैं, सरकार को ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।
आईजीएमसी के मेडिसन विभाग से सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ. राजीव रैना ने बताया कि जिन व्यक्तियों में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिलते हैं, उन्हें आईसोलेट किया जाता है। कई बार लक्षण बाद में सामने आते हैं या फिर नहीं भी। इस लिहाज से अगर कोई व्यक्ति भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाते हैं तो वे स्वयं अस्पताल आकर जांच करवाएं।
मरीजों को डाइट में मिलेगा पनीर, अंडा और दालें
हाई प्रोटीन डाइट से जहां इनकी सेहत में सुधार होगा, वहीं शरीर में अन्य रोगों से लड़ने की क्षमता भी बनी रहेगी। रविवार को अस्पताल में मरीजों के आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने डाइट प्लान बनाया है।
दावा है कि इसी डाइट प्लान के तहत इन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को खाना दिया जाएगा। यह भी बताया कि इनकी हालत में सुधार है और किसी भी तरह की परेशानी नहीं है। लिहाजा, अस्पताल के डॉक्टर, स्टाफ नर्स की टीम इन मरीजों पर लगातार नजर बनाए रखे हुए हैं।