धार्मिक जलसे में जुटे 2000 लोग, 24 संक्रमित 350 भर्ती, तेलंगाना लौटकर 6 की मौत

नई दिल्ली/हैदराबाद
कोरोना वायरस
  • निजामुद्दीन में 1-15 मार्च के बीच जुटे थे लोग
  • तमिलनाडु, तेलंगाना व जम्मू-कश्मीर में भी मिले संक्रमित
  • तेलंगाना में हुई 6 लोगों की मौत, एफआईआर के आदेश
राजधानी दिल्ली में धारा-144 लागू होने के बावजूद निजामुद्दीन इलाके में हुए धार्मिक जलसे में शामिल 2000 लोगों में से 24 लोगों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया। 350 लोगों में महामारी के लक्षण मिलने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जलसे से तेलंगाना लौटे छह लोगों की मौत हुई है।

तेलंगाना मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि ये सभी संक्रमित थे। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती संदिग्धों की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार है। दिल्ली सरकार ने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए तब्लीगी जमात के मरकज संचालकाें पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च के बीच जलसे में सऊदी अरब, दुबई, उजबेकिस्तान, इंडोनेशिया और मलयेशिया के अलावा देश के कई राज्यों से लोग आए थे। इनमें 600 भारतीयों सहित करीब 2000 लोग थे। लॉकडाउन से पहले बड़ी संख्या में लोग चले गए थे, लेकिन सोमवार को मरकज में 24 लोगों के पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया।

शाम तक 350 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुछ राज्यों में यहां से वापस गए लोग भी पॉजिटिव मिले हैं। तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी लौटे लोगों में से कुछ संक्रमित मिले हैं। रविवार को छह यमन नागरिकों में संक्रमण की पुष्टि के बाद लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराना शुरू किया।

दिल्ली के अलावा यूपी, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु व तेलंगाना सरकार आयोजन में शामिल  लोगों की तलाश कर रही है। गुंटूर विधायक मुस्तफा शेख के भाई भी तब्लीगी जमात में आए थे, जो संक्रमित मिले हैं। इसके बाद शेख परिवार के 14 सदस्य क्वारंटीन हैं। जलसे से लौटे 60 वर्षीय व्यक्ति की बीते हफ्ते कश्मीर में मौत के बाद खतरे की घंटी बज गई थी।

पुलिस ने आयोजकों को दिया नोटिस, जवाब-तलब

निजामुद्दीन स्थित मरकज संचालकों को पुलिस ने नोटिस देकर जवाब-तलब किया है। आयोजकों ने पुलिस को बताया, जलसा पहले से चल रहा था। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के कारण लोग मरकज में रुक गए। फिर लॉकडाउन के चलते लोग यहीं रुके रहे। पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी। बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन थाने के कई पुलिसकर्मी भी कोरोना संदिग्ध के दायरे में हैं।

बड़ा सवाल : कैसे मिली मंजूरी

  • कोरोना के चलते जहां देश लॉकडाउन है, वहां पुलिस व प्रशासन ने बड़ी तादाद में लोगों को कैसे इकट्ठा होने दिया?
  • गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्यसलिला श्रीवास्तव से सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने जानकारी से इनकार किया।

    दोनों मस्जिदों को किया बंद… सैनेटाइजेशन शुरू

    • दिल्ली सरकार व विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने सोमवार सुबह निजामुद्दीन की दोनों मस्जिद को बंद कर सैनेटाइजेशनशुरू किया।
    • दिल्ली के लोकनायक अस्पताल, एम्स झज्जर और उत्तर रेलवे क्वारंटीन केंद्र में लोगों को रखा है।
    यूपी के 100 लोग शामिल हुए…सभी क्वारंटीन
    मरकज के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 100 लोग शामिल हुए थे, जिनकी पहचान हो चुकी है। यूपी पुलिस के मुताबिक, इन सभी को दिल्ली के ही अलग-अलग अस्पतालों में क्वारंटीन किया गया है। इन लोगों के परिजनों से भी संपर्क किया है। ज्यादातर लोग पश्चिमी यूपी और तीन वाराणसी के थे। पुलिस का दावा है कि आयोजन के बाद यूपी का कोई भी व्यक्ति लौटा नहीं है।

    पूरा इलाका सील
    हजरत निजामुद्दीन इलाके के रिहायशी इलाकों को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है। तबलीगी जमात का मुख्यालय हजरत निजामुद्दीन थाने ओर ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के सटा हुआ है।

    फ्रांस कर चुका है ऐसा ही अपराध…

    • फ्रांस के म्यूलहाउस शहर के सुपर चर्च में फरवरी के आखिर में धार्मिक जलसा था। पांच दिन के इस कार्यक्रम सैकड़ों लोग शामिल हुए थे। यहां से शुरू संक्रमण न सिर्फ फ्रांस में फैला, जहां संक्रमितोंं का आंकड़ा 40 हजार पार कर गया, बल्कि यूरोप, लैटिन अमेरिका व अफ्रीका समेत आठ देशों में फैलने की पुष्टि हुई है।
    • म्यूलहाउस शहर फ्रांस की सीमा को जर्मनी व स्विट्जरलैंड को जोड़ता है। करीब 2500 केस इस कार्यक्रम से सीधे जुड़े हैं और 17 की मौत हो चुकी है।
    • चर्च की तरफ से मिली लिस्ट के आधार पर लोगों का पता लगाने का काम शुरू हुआ तो नेशनल पब्लिक हेल्थ एजेंसी की डॉक्टर मिशेल वर्ने की प्रतिक्रिया थी कि हमारे सामने एक टाइम बम रखा हुआ है।

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