यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत ईडी ने कर लिया गिरफ्तार

मुंबई
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 20 घंटे पूछताछ के बाद रविवार तड़के गिरफ्तार कर लिया है। ईडी राणा कपूर को आज मुंबई की एक अदालत में पेश करेगी। ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत की है।

अधिकारियों ने बताया कि बैंकर को तड़के करीब तीन बजे धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह जांच में कथित तौर पर सहयोग नहीं कर रहे थे। केंद्रीय एजेंसी ने कपूर के आवास पर शुक्रवार रात को छापा मारा था जिसके बाद 20 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद बेलार्ड एस्टेट में ईडी के कार्यालय में कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया था।

यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब इस निजी बैंक में वित्तीय अनियमितताओं और इसके संचालन में कुप्रबंधन के आरोप सामने आए हैं और आरबीआई एवं केंद्र सरकार ने इसके मामलों को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई शुरू की है। अधिकारियों ने बताया कि 62 वर्षीय कपूर को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा ताकि उन्हें हिरासत में लिया जा सके।

मामले के जांच अधिकारी ने उस समय पीएमएलए के तहत कपूर का बयान दर्ज किया था जब उनसे यहां वर्ली इलाके में समुद्र महल में उनके आवास पर शुक्रवार रात को पहली बार पूछताछ की गई थी। उन्हें नए सिरे से पूछताछ के लिए शनिवार दोपहर को ईडी कार्यालय लाया गया था। एजेंसी ने शनिवार को मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए और जानकारी एवं सबूत जुटाने के लिए दिल्ली एवं मुंबई में कपूर की तीन बेटियों के परिसरों की तलाशी ली थी।

अधिकारियों के अनुसार, कपूर की पत्नी बिंदु और बेटियां राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर उन कंपनियों से कथित तौर पर जुड़ी है जिनमें आपराधिक गतिविधियों का पता चला है। उन्होंने बताया कि कपूर के खिलाफ मामला घोटालों से घिरी डीएचएफएल से जुड़ा है। डीएचएफएल ने बैंक से कर्ज लिया था, लेकिन उसे चुकाया नहीं और वह गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में बदल गया।

अधिकारियों ने बताया कि डीएचएफएल द्वारा एक कंपनी को दिए 600 करोड़ रुपये का कर्ज भी ईडी की जांच के केंद्र में है। केंद्रीय एजेंसी कुछ कॉरपोरेट कंपनियों को कर्ज देने में कपूर की भूमिका और इसके बाद उनकी पत्नी के खातों में रिश्वत की रकम डाले जाने के मामले की भी जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश बिजली निगम में कथित पीएफ धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले समेत अन्य कथित अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच के घेरे में है।

सीबीआई ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में 2,267 करोड़ रुपये के कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की जांच हाथ में ली थी जहां बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) में निवेश किया गया था। ईडी ने तब कार्रवाई की है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को पूंजी की कमी से जूझ रहे यस बैंक पर पाबंदी लगाई, जिससे उसका हर खाताधारक केवल 50,000 रुपये तक ही निकाल सकता है और निजी क्षेत्र के इस बैंक के बोर्ड को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया।

नागपुर विश्वविद्यालय के 191 करोड़ रुपये फंसे

यस बैंक में नागपुर के संत तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय के 191 करोड़ रुपये जमा हैं। विश्वविद्यालय सीनेट की बैठक में यस बैंक में जमा रकम का खुलासा हुआ। सीनेट सदस्य मनमोहन वाजपेयी ने सवाल उठाया कि राष्ट्रीयकृत बैंक में रकम जमा करने के स्पष्ट आदेश के बावजूद निजी बैंक में पैसे क्यों जमा किए गए। फिलहाल, इसकी जांच के लिए समिति गठित की जा चुकी है।

पिंपरी-चिंचवड़ और नासिक महानगरपालिका को झटका

पुणे जिले की पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका के करीब 920 करोड़ रुपये यस बैंक में जमा होने की जानकारी सामने आई है। वहीं, नासिक महानगरपालिका के भी 310 करोड़ रुपये और स्मार्ट सिटी के 15 करोड़ रुपये यस बैंक में जमा हैं। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका आयुक्त श्रवण हार्डीकर का कहना है कि इससे महानगरपालिका पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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