रोहतांग दर्रा बहाल कर लाहौल का संपर्क मनाली से जोड़ना होगी प्राथमिकता : ब्रिगेडियर एमएस बाघी, चीफ इंजीनियर

केलांग/कोकसर (लाहौल-स्पीति)
मनाली- लेह मार्ग
देश के सबसे ऊंचे मनाली-लेह हाईवे से बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया है। इस अभियान में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के दीपक और हिमांक प्रोजेक्ट की तीन कंपनियां जुट गई हैं। इस बार बर्फ हटाने का कार्य समय से 10 दिन पहले ही शुरू कर दिया गया है। बीआरओ के दीपक परियोजना के मुख्य अभियंता एमएस बाघी ने गुलाबा से चार किलोमीटर आगे राहलफाल के समीप वीरवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद मशीनों को आगे रोहतांग की तरफ बर्फ हटाने के लिए रवाना किया।

लाहौल के दारचा में पहले ही बर्फ हटाने के अभियान को हरी झंडी दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर आने वाले दिनों में मौसम साफ रहा तो इस बार पिछले साल की तुलना में लगभग एक माह पहले ही रोहतांग दर्रा ट्रैफिक के लिए खुल जाएगा। तांदी जीरो प्वाइंट से गोंदला के खंगसर तक 94 आरसीसी और वहां से टनल के नार्थ पोर्टल गुफा होटल तक 70 आरसीसी सड़क मार्ग को पहले ही बहाल कर चुका है।

कोकसर से आगे रोहतांग की तरफ बीआरओ का 94 आरसीसी मोर्चा संभालेगा

गुफा होटल से कोकसर तक 10 किमी के दायरे में जगह-जगह हिमखंड खिसकने के कारण बीआरओ को कोकसर तक पहुंचने में खूब पसीना बहाना पड़ेगा। कोकसर से आगे रोहतांग की तरफ बीआरओ का 94 आरसीसी मोर्चा संभालेगा। उधर 70 आरसीसी ने दारचा से बारालाचा की तरफ बर्फ हटाने के काम में तेजी लाई है।

70 आरसीसी के ओसी कर्नल दीपक बिष्ट ने कहा कि रोहतांग दर्रे की तरफ बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। मौसम अनुकूल रहा तो इस बार रिकॉर्ड समय के भीतर रोहतांग दर्रा बहाल किया जाएगा।

रोहतांग दर्रा बहाल कर लाहौल का संपर्क मनाली से जोड़ना उनकी प्राथमिकता होगी। बर्फ हटाने के लिए दो अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं, जो रोहतांग दर्रे से बर्फ की मोटी चादर को काटेंगी।- ब्रिगेडियर एमएस बाघी, चीफ इंजीनियर

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