राज्य सरकार की मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना से सुक्ष्म एवं लघु उद्योग व्यावसायी उठा रहे हैं लाभ

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में उद्योग क्षेत्र के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के अंतर्गत सुक्ष्म एवं लघु उद्योग व्यावसायी लाभ उठा रहे हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार ढूंढने के बजाय रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए प्रेरित करना है। इसके अतिरिक्त नये विचारों के साथ शुरूआती अवस्था से लेकर उद्यम स्थापित करने तक की सभी कठिनाईयों का सामना करने के लिए सरकार ने हैंड होल्डिंग एवं मेंटरशिप की सुविधाओं को उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है।

 

योजना के अन्तर्गत कृषि, स्वच्छ तकनीकी पर आधारित नये विचारों का सृजन, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, बायोटैक्नोलोजी आदि पर विशेष बल दिया गया है। योजना के अंतर्गत एक बेहतर ईको सिस्टम को स्थापित करने की दिशा में भी दिशा-निर्देश दिये गए हैं, जिसमें इनक्यूबेटर की स्थापना, प्रमाण पत्रों को स्वयं प्रमाणित करना, तीन वर्षों तक किसी भी प्रकार के निरीक्षण से छूट आदि को शामिल किया गया है। इस दिशा में राज्य सरकार ने दस इनक्यूबेटर जो कि मुख्यतः सरकारी क्षेत्रों में स्थापित आधुनिक शिक्षण संस्थान हैं, को शामिल किया है।

 

योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रोत्साहनों का भी प्रावधान है। सभी चिन्हित नये विचारों वाले प्रशिक्षुओं को एक वर्ष तक प्रति माह 25 हजार रूपये का आजिविका भत्ता प्रदान किया जा रहा है। अपने नए विचार को व्यावहारिक रूप से कार्यान्वित करने के बाद विपणन के लिये अधिकतम 10 लाख रूपये का अनुदान किया जा रहा है। स्टार्ट-अप के लिए राष्ट्रीय एवम् अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट फाईल करने के लिये क्रमशः 2 लाख रुपये तथा 10 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार इनक्युबेटर में सभी प्रशिक्षुओं के लिए संबंधित आधारभूत ढांचे को तैयार एवं विकसित करने के लिये भी वित्तीय सहायता का प्रावधान है।

 

औद्योगिक क्षेत्रों एवं बस्तियों में सुक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध करवाई जाती है। भूमि के क्रय के लिए जरूरी स्टैंप ड्यूटी को केवल 3 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। राज्य प्रदूषण बोर्ड द्वारा ली जा रही पंजीकरण फीस में भी छूट प्रदान की जा रही है। लघु क्षेत्रों में 25 लाख रूपये के निवेश के स्टार्टअप को 3 वर्षाें तक 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

 

राज्य सरकार द्वारा क्रय की जाने वाली वस्तुओं में ऐसे स्टार्टअप से कुल आॅर्डर का 30 प्रतिशत क्रय करना अनिवार्य किया गया है। प्रदेश में उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए प्रति वर्ष वार्षिक उद्यमी पुरस्कार के अन्तर्गत प्रथम स्थान के लिए 1 लाख रूपये, द्वितीय स्थान के लिए 75 हजार रूपये तथा तृतीय स्थान के लिए 50 हजार रूपये का नकद ईनाम प्रदान किया जाता है।

 

इस योजना में अभी तक कुल 654 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से पात्र 334 आवेदन इन्क्यूबेशन सेंटर को भेजे जा चुके हैं। अभी तक 97 इनक्यूबेटी को इन्क्यूबेशन सेंटर के द्वारा चयनित किया गया है। 45 इनक्यूबेटी अपना इन्क्यूबेशन पूरा कर चुके है। 25 इनक्यूबेटी अपना स्टार्टअप वाणिज्यीकृत कर रहे है और 44 इनक्यूबेटी अभी इन्क्यूबेशन में है।

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