दुर्गम क्षेत्र लाहौल घाटी में सरकारी तंत्र नदारद जनता को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा

कुल्लू
फाइल फोटो
हिमाचल के दुर्गम क्षेत्र लाहौल घाटी में सरकारी तंत्र के हालात बेहद चिंतनीय हैं। बर्फ की आड़ में डीसी, एसपी, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों सहित 187 अधिकारी और कर्मचारी घाटी से नदारद हैं। कुछ कर्मचारी आवश्यक कार्यों के चलते तो कुछ मेडिकल या किसी तरह का बहाना बनाकर घाटी से बाहर हैं। लगभग 80 फीसदी ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं जो बिना कारण घाटी से बाहर हैं। इसका खामियाजा लाहौल की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

घाटी के लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि लाहौल के दो प्रशासनिक अधिकारी ऐसे हैं, जो एक अधिकारी घाटी से बाहर निकलता है तो दूसरा जिम्मेवारी संभालता है। इस तरह प्रशासनिक जिम्मेवारियां संभाले जाने से लोगों में रोष है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम कसी जाए, जो लंबे समय से बिना छुट्टी लाहौल से बाहर हैं। घाटी के कुछ विभागों में इस समय आधा स्टाफ दफ्तरों से गायब है। ऐसे में लोगों को अपने कामकाज निपटाने के लिए परेशानियां हो रही हैं।

घाटी के गणेश लाल, राम सिंह, सरन दास, विजय कुमार और सुरेश कुमार ने कहा कि कई अधिकारी व कर्मचारी ऐसे हैं, जो बर्फ की आड़ में कुछ दिन के लिए छुट्टी लेकर बाहर जाते हैं। काफी दिन तक कई बहाने बनाकर ड्यूटी पर नहीं लौटते हैं। राम सिंह और सुरेश कुमार ने कहा कि ऐसे अधिकारी, कर्मचारी मार्च में एकमुश्त मिलने वाली एडवांस राशि के दौरान अपने दफ्तरों में हाजिरी भरते हैं। गणेश लाल और विजय कुमार ने कहा कि इतने अधिकारियों, कर्मचारियों के एकसाथ घाटी से गायब रहने पर लोगों के कामकाज कैसे निपटेंगे।

कुल्लू उड़ान समिति के कार्यालय में वर्तमान में कुल्लू से लाहौल जाने के लिए कुल 18 जनवरी तक 448 यात्रियों के आवेदन हैं। इसमें 187 अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं। उधर, कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि बिना छुट्टी और बिना कारण नदारद रहने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जाएगा। उन्होंने जनता के कार्यों में व्यवधान पर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

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