27 साल पहले छह लोगों को अपहरण-हत्या मामले में उठाया, अब पांच पुलिसवालों को सजा

मोहाली (पंजाब)
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
छह लोगों के अपहरण और हत्या के 27 साल पुुराने मामले में वीरवार को सीबीआई अदालत ने पांच पुलिस मुलाजिमों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। एक डीएसपी सहित तीन आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया। वहीं, दो को ‘प्रोबेशन’ सहित जुर्माना लगाया गया है।

इस मामले में कुल 15 पुलिस मुलाजिमों व अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से छह की उच्च अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। पीड़ित परिवार ने इस फैसले पर संतोष जाहिर करते हुए इसे न्याय की जीत बताया है। बता दें कि सर्वोच्च अदालत द्वारा दिए आठ महीने के समय से ठीक एक दिन पहले इस मामले में फैसला सुना दिया गया।

वर्ष 1993 में तरनतारन के रहने वाले बाबा चरण सिंह सहित उनके तीन भाइयों केसर सिंह, गुरदेव सिंह व मेजा सिंह को पुलिस जबरन उठाकर ले गई थी। गुरदेव सिंह को उत्तर प्रदेश के सीतापुर से उठाया गया था। वहीं चरण सिंह की पत्नी सुरजीत कौर के दो भाइयों गुरमीत सिंह व बलविंदर सिंह को भी पुलिस ने तरनतारन से ही जबरन उठा लिया था। पुलिस ने इन सभी 6 लोगों को 1992 से 1993 के दौरान उठाया। तब से आज तक इनका कोई अता-पता नहीं चला। बाबा चरण सिंह की पत्नी इस मामले में 1994 में उच्च अदालत में याचिका दायर की थी। उच्च अदालत के आदेश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया और सीबीआई ने 1998 में इस मामले में एफआईआर दर्ज की। जांच के बाद सीबीआई ने पांच चार्जशीट अदालत में दाखिल कीं। 2001 से 2019 तक यह मामला लंबित सूची में रहा। 10 मई 2019 को सर्वोच्च अदालत ने अपने एक आदेश में इस मामले का आठ महीने के भीतर निपटारा करने की हिदायत सीबीआई अदालत को दी। इसके बाद मोहाली की सीबीआई अदालत में शुरुआत हुई।

आरोपियों को पांच से लेकर दस साल तक की सुनाई सजा :
सीबीआई अदालत ने सबूतों के आधार पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद बाबा चरण सिंह के अपहरण और हत्या के मामले में इंस्पेक्टर सूबा सिंह को 10 साल की सजा और 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। वहीं, केसर सिंह के अपहरण और हत्या के मामले में एसआई बिक्रमजीत सिंह व एसआई सुखदेव सिंह को भी 10-10 साल की सजा सुनाई गई है।

मेजा सिंह के अपहरण और हत्या के मामले में इंस्पेक्टर सूबे सिंह को 10 साल की सजा हुई जबकि सुखदेव राज जोशी को अपहरण का दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई गई। गुरमीत सिंह व बलविंदर सिंह के अपहरण के लिए दोषी मानते हुए सुखदेव राज जोशी को पांच साल की सजा दी है।

वहीं यूपी के सीतापुर से गुरदेव सिंह को उठाए जाने के आरोपी गुरमीत सिंह को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया। इसके साथ ही बाबा चरण सिंह के अपहरण और हत्या में डीएसपी कश्मीर सिंह गिल व एसआई निर्मल सिंह के खिलाफ भी साक्ष्य न मिलने पर उन्हें बरी कर दिया गया। एएसआई सूबा सिंह और हेड कांस्टेबल लख सिंह को भी कोर्ट ने दोषी मानते हुए प्रोबेशन और 50 हजार रुपये जुर्माना जारी किया है।

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