हैवानियत से लेकर डेथ वारंट तक,निर्भया के साथ सात वर्षों में कब क्या हुआ

नई दिल्ली
16 दिसंबर 2012 को चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले दोषियों के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है। इस फैसले के बाद देशभर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। सात साल पहले पूरे देश को दहशत में लाने वाले इस मामले में कब-कब क्या-क्या हुआ पढ़ें पूरी टाइम लाइन…

साल – 2020

07 जनवरी 2020- पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के जारी किया डेथ वारंट।

साल- 2019

21 दिसंबर 2019-  दोषी अक्षय कुमार को दया याचिका दाखिल करने के लिए मिला सात दिन का नोटिस।
18 दिसंबर 2019- अक्षय की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज, फांसी की सजा बरकरार।
17 दिसंबर 2019- मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने इस मामले से खुद को किया अलग।

साल – 2018

13 दिसंबर 2018- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषियों को तुरंत फांसी की मांग वाली याचिका।
09 जुलाई 2018- सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी फांसी की सजा।
05 मई 2018- निर्भया कांड: आरोपियों ने लगाई कोर्ट से गुहार, मौत की सजा को उम्रकैद में बदलें।
04 मई 2018- निर्भया के दोषियों की पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित।

साल – 2017

5 मई 2017 : सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी आरोपियों की फांसी की सजा।
27 मार्च 2017 : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित रखा गया।

साल – 2014

14 जुलाई 2014: सुप्रीम कोर्ट ने चारों आरोपियों की फांसी पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगाई।
2 जून 2014: दो आरोपियों ने हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
13 मार्च 2014: दिल्ली हाइकोर्ट ने चारों आरोपियों की फांसी की सजा को बरकरार रखने का फैसला सुनाया।

साल – 2013

7 अक्तूबर 2013 : निचली अदालत से सजा पाए चार दोषियों में से विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर ने सजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की।
10 अक्तूबर 2013: चार आरोपी अक्षय ठाकुर, मुकेश, पवन गुप्ता व विनय शर्मा को दोषी करार दिया।
31 अगस्त 2013: नाबालिग को गैंगरेप व हत्या में तीन वर्ष की सजा सुनाई गई।
25 अगस्त 2013: नाबालिग पर फैसले की तारीख बढ़ाई।
11 जुलाई 2013: जेजेबी ने नाबालिग को लूटपाट मामले में दोषी ठहराया।
11 जुलाई 2013: गैंगरेप आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
2 फरवरी 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांच लोगों पर हत्या, गैंगरेप और लूट के मामलों में आरोप तय किए।
28 जनवरी 2013: आरोपियों में से एक को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग घोषित किया।
3 जनवरी 2013: दिल्ली पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, अप्राकृतिक यौनाचार, अपहरण एवं सबूत मिटाने का आरोप पत्र दाखिल किया।

साल – 2012

29 दिसंबर 2012: पीड़िता की सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
27 दिसंबर 2012: गैंगरेप पीड़िता की हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया।
24 दिसंबर 2012: पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहने के दौरान सरकार ने इस तरह के मामलों में तेजी से सुनवाई और कानून बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया।
23 दिसंबर 2012: दिल्ली हाईकोर्ट ने तेजी से सुनवाई के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया।
22 दिसंबर 2012: पीड़िता ने एसडीएम के सामने अस्पताल में अपने बयान दर्ज कराए।
21 दिसंबर 2012: गैंगरेप के पांचवें आरोपी ने कहा कि वह नाबालिग है। उसकी उम्र साढ़े सत्रह वर्ष है। उसे आनंद विहार बस अड्डा से गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन एक अन्य आरोपी अक्षय कुमार उर्फ ठाकुर को औरंगाबाद बिहार से गिरफ्तार किया गया।
18 दिसंबर 2012: चार आरोपियों के पकड़ने के साथ ही राजधानी में गैंगरेप के विरोध में प्रदर्शन शुरू।
17 दिसंबर 2012: पुलिस ने मुख्य आरोपी एवं बस चालक राम सिंह सहित चार लोगों को पकड़ा।
16 दिसंबर 2012: वसंत विहार में पैरा मेडिकल की छात्रा के साथ एक नाबालिग समेत 6 लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया। उसके साथी के साथ मारपीट की गई। दोनों को बस से कुचलकर मारने का प्रयास।

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