सुविधा शुरू होने के बाद उपभोक्ता प्रदेश के किसी भी डिपो में जाकर सामान ले सकेंगे। इस व्यवस्था से न केवल उपभोक्ताओं को सुविधा मिलेगी बल्कि कालाबाजारी और बेईमानी पर अंकुश लगाना भी आसान हो जाएगा।
खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी कहते हैं कि लोग किसी भी एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं तो स्मार्ट राशनकार्ड से किसी भी डिपो से सामान क्यों नहीं ले सकते हैं। लोगों को इसी मकसद से डिजीटल कार्ड दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल में 18.5 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। प्रदेश सरकार इन उपभोक्ताओं को डिपो में तीन दालें, दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), 600 ग्राम प्रति व्यक्ति चीनी सब्सिडी पर देती है। आटा और चावल केंद्र सरकार देती है।
अभी उपभोक्ता अपने क्षेत्र के नजदीकी डिपो से ही राशन ले सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को पॉस मशीन में फिंगर प्रिंट लगाना होता है। अगर मशीन के साथ फिंगर प्रिंट का मिलान नहीं होता है तो उपभोक्ताओं को सस्ते राशन से वंचित होना पड़ता है।
सूबे में साढ़े चार हजार से अधिक डिपो
जब भी उपभोक्ता किसी डिपो से राशन लेगा तो इसकी सूचना सभी पॉस मशीनों में एंटर हो जाएगी। यही नहीं, मशीन यह भी बताएगी कि उपभोक्ता ने किस डिपो से राशन लिया है।