- एम्स-जिपमर में भी अगले साल से दाखिला नीट से होगा
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा
- दोनों संस्थान अभी तक खुद आयोजित करते थे दाखिला परीक्षा
इसके मुताबिक, एम्स और जिपमर (जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) जैसे राष्ट्रीय संस्थानों और एमबीबीएस की साझा काउंसलिंग के लिए नीट लागू होगा। इससे देश के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सामान्य मानक स्थापित करने में मदद मिलेगी।’
मौजूदा समय में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाले एम्स और जिपमर खुद की दाखिला परीक्षा आयोजित करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, एनएमसी एक्ट के मुताबिक, एनईएक्सटी (नेक्स्ट) के नतीजे पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सों में दाखिले और प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्राप्त करने का आधार होगा।
यह विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट का भी काम करेगा। नेक्स्ट पास करने के बाद छात्र पीजी कोर्स में खुद को रजिस्टर करा सकता है और प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। एक्ट में पीजी में दाखिले को रैंक सुधारने के लिए नेक्स्ट में प्रयासों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं है।