टिकट देने में नेताओं के रिश्तेदारों पर भाजपा-कांग्रेस मेहरबान

नई दिल्ली
सांकेतिक तस्वीर
  • भाजपा के 16 तो कांग्रेस के 18 फीसदी टिकट परिवारवाद के नाम
  • अभी सभी सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं, बढ़ सकता है आंकड़ा
  • कांग्रेस ने पूर्व सीएम बिलासराव देशमुख के दो बेटों को दिया टिकट
  • भाजपा ने 19 सीटों पर नेताओं की पत्नी, बहू, बेटे-बेटियों को उतारा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो राष्ट्रीय दलों भाजपा और कांग्रेस ने टिकट वितरण के मामले में नेताओं के रिश्तेदारो पर जमकर मेहरबानी की है। भाजपा ने 125 उम्मीदवारों में 16 फीसदी टिकट तो कांग्रेस ने 103 उम्मीदवारों में 18 फीसदी टिकट वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, पूर्व मंत्रियों के रिश्तेदारों में बांटे हैं। दोनों दलों ने अभी अपने हिस्से की सभी सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। ऐसे में यह आंकड़ा बढ़ने के आसार हैं।

कांग्रेस ने अब तक दो बार में 103 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। पार्टी ने राज्य के पूर्व सीएम बिलासराव देशमुख के दो बेटों अमित और धीरज देशमुख को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके अलावा पूर्व गृह मंत्रियों शिवराज पाटिल और सुशील कुमार शिंदे के पुत्र और पुत्रियों, पूर्व सीएम अशोक चव्हाण, सांसद सुरेश धनोरकर की पत्नी प्रतिभा, पूर्व मंत्री एकनाथ गायकवाड़ की बेटी वर्षा सहित कई नेताओं के रिश्तेदारों को उपकृत किया है। पार्टी को अभी अपने हिस्से की 22 सीटों पर उम्मीदवार घोषित करना है। इनमें भी कई सीटों पर नेताओं के रिश्तेदार प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं।

जहां तक भाजपा का सवाल है तो कांग्रेस की तरह इसने भी नेताओं के रिश्तेदारों को उपकृत करने में कमी नहीं की है। पार्टी ने 19 सीटों पर नेताओं की पत्नी, बहू, बेटे-बेटियों को उम्मीदवार बनाया है। इनमें पूर्व मंत्री भाऊ साहेब फुंडकर के बेटे आकाश फुंडकर, पूर्व मंत्री मधुकर पिचाड के बेटे वैभव पिचाड, दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की पत्नी पंकजा मुंडे, पूर्व मंत्री गणेश नाइक के बेटे संदीप नाइक, पूर्व मंत्री राव साहेब दानवे के बेटे संतोष, माणिकराव गावित के पुत्र भरत गावित, प्रतापराव भोंसले के पुत्र मदन भेंसले, दिलीप कांबले के भाई सुनील कांबले, पूर्व सांसद दत्ता मेघे के बेटे समीर मेघे सहित कई नाम शामिल हैं।

आदित्य को खुला रास्ता देंगे राज ठाकरे, लेकिन पवार नहीं माने

आदित्य ठाकरे जब चुनाव राजनीति में पदार्पण करने जा रहे हैं तो चाचा राज ठाकरे का आशीर्वाद उन्हें मिलेगा। लेकिन पारिवारिक मित्र होने के बावजूद शरद पवार ने आदित्य के विरुद्ध एनसीपी का उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। राज की मनसे ने मंगलवार को अपने 27 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद बुधवार को 45 नामों की दूसरी सूची जारी की, परंतु इसमें भी मुंबई के वर्ली से कोई नाम नहीं है। ऐसे में यही कहा जा रहा है कि राज अप्रत्यक्ष रूप से भतीजे की जीतने में मदद करेंगे। उधर एनसीपी ने सुरेश माने को आदित्य के खिलाफ उतारने का निर्णय किया है। हाल में शिवसेना के प्रमुख नेता संजय राउत ने शरद पवार से मिलकर आदित्य के विरुद्ध उम्मीदवार न उतारने को कहा था।

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