पुलिस आयुक्त ने कहा कि विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपियों को निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि असम की 30 वर्षीय महिला डीएलएफ फेज-1 एच ब्लॉक स्थित कोठी नंबर-9/7 में घरेलू सहायिका के तौर पर काम कर रही थी। 31 जुलाई को कोठी मालिक ने असम की महिला समेत दो अन्य महिलाओं पर चोरी का अंदेशा जताया।
डीएलएफ फेज-1 थाना पुलिस ने महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर मंगलवार सुबह पूछताछ के लिए सुबह नौ बजे तीनों को थाने में बुलाया। पीड़िता का आरोप है कि थाने में उसके कपड़े उतार दिए गए और नाजुक अंगों पर डंडो से पिटाई की गई।शाम छह बजे उसके पति को बुलाकर उसे घर भेज दिया। उस वक्त महिला चलने की हालत में भी नहीं थी। बुधवार सुबह थाने में दोबारा पेश होने के लिए दबाव बनाने पर पूर्वोत्तर से जुड़े संगठनों को सूचना दी गई तो वे थाने में पहुंचे।
उन्होंने थाना प्रभारी समेत एसीपी और डीसीपी पूर्व को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर अड़ गए। करीब पांच घंटे तक हुई बातचीत के बाद एसीपी सदर अमन यादव ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया तब जाकर सभी लोग शांत हुए। एसीपी की ओर से रिपोर्ट अपने आला अधिकारियों को भेज दी।
देर शाम को पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकिल ने बताया कि चोरी के मामले की जांच में पुलिसकर्मियों की ओर से लापरवाही की बात सामने आई है। उन्होंने बताया कि डीएलएफ फेज-1 थाना प्रभारी निरीक्षक सवित कुमार, महिला एएसआई मधुबाला, हेड कांस्टेबल अनिल और महिला कांस्टेबल कविता को लाइन हाजिर कर दिया है।
चारों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है जिसमें दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी साथ ही चोरी के मामले में नए थाना प्रभारी से नए सिरे से जांच कराई जाएगी।