प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को शुरू किया है। इसकी पॉलिसी 31 दिसंबर 2019 से प्रभाव में आई है। पहले सरकार ने 20 मेगावाट तक की बिजली खरीदने की ही व्यवस्था की थी। अब आठ मेगावाट की खरीद और बढ़ा दी गई है। इसका मकसद सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है। इस स्कीम के लिए केवल बोनाफाइड हिमाचली ही आवेदन कर सकते हैं।
ऐसे प्रोजेक्ट निजी भूमि या लीज पर ली गई निजी भूमि पर ही स्थापित किए जा सकेंगे। उत्पादित बिजली की खरीद मंजूर दरों पर ही होगी। आम तौर पर एक आवेदक केवल एक ही परियोजना का लाभ ले सकेगा। फिर भी अगर कोई आवेदक एक से अधिक प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करता है तो उस स्थिति में उसके प्रोजेक्ट का उत्पादन 500 किलो वाट पीक से अधिक नहीं बढ़ना चाहिए। बिजली की खरीद का समझौता 20 साल तक का होगा। प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास पर्याप्त फंड होने चाहिए। इसके भी साक्ष्य पेश करने होंगे।