देवरिया संरक्षण गृह मामले में सीबीआई ने दर्ज कीं दो एफआईआर

 

लखनऊ
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सीबीआई ने देवरिया जिले के संरक्षण गृह की लड़कियों से जबरन वेश्यावृत्ति कराए जाने के मामले को अपने हाथ में लेते हुए दो एफआईआर दर्ज की हैं। ये मुकदमे पोक्सो, जेजे एक्ट व आईपीसी की धाराओं में दर्ज किए गए हैं।

दोनों एफआईआर में देवरिया के मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की निदेशक गिरिजा त्रिपाठी और उसकी बेटी तथा संरक्षण गृह की अधीक्षक कंचनलता त्रिपाठी समेत अन्य को नामजद किया गया है। सीबीआई अब इनसे पूछताछ शुरू करेगी।

इस मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थीं जिन्हें सीबीआई ने अपने हाथों में ले लिया है। ये मुकदमे लड़कियों को गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने, मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न, यौन हिंसा, जनसेवक को अपना काम करने से रोकने के लिए बल प्रयोग करने, बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम तथा किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों में दर्ज हुए थे।

पिछले साल अगस्त में इस मामले का भंडाफोड़ होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति की थी। प्रदेश सरकार ने इस मामले में एसआईटी का भी गठन किया था जिसकी जांच में एसटीएफ को सहयोग करने को कहा गया था।

यह था मामला
गत वर्ष अगस्त में अधिकारियों ने इस संरक्षण गृह से 24 लड़कियों को मुक्त कराया था। वहां कुल 42 लड़कियां थीं। जब इनकी चिकित्सीय जांच कराई गई तो 34 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न किए जाने की पुष्टि हुई थी। इस संरक्षण गृह को बंद करने के आदेश के साथ ही अनुदान भी बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद संचालिका संस्था को चला रही थी।

हाईकोर्ट तलब कर चुका है जवाब
इस मामले का हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। उसने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से कई बिंदुओं पर जवाब मांगे थे। यह सवाल भी किया था कि इसके पीछे नेता और वीआईपी तो शामिल नहीं?

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