लेटरल एंट्री: निजी क्षेत्र से पहली बार नौ लोगों को बनाया गया संयुक्त सचिव, जानें किनकी हुई नियुक्ति

नई दिल्ली
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य(फाइल फोटो)
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य(फाइल फोटो)

खास बातें

  • पिछले साल जून में कार्मिक मंत्रालय ने मांगे थे आवेदन
  • नौकरशाही में नई प्रतिभाओं को सामने लाने की थी योजना
  • पीएम की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने दी थी मंजूरी
निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को केंद्रीय सचिवालय में बड़े पदों पर नियुक्ति की नीति के तहत सरकार ने पहली बार नौ लोगों को विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त किया है। इस नियुक्ति को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दी थी। नौकरशाही में नई प्रतिभाओं को सामने लाने की इसे मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तौर पर देखा जा रहा है।

एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि निजी क्षेत्र से इन नौ लोगों को तीन साल या अगले आदेश तक, दोनों में जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किया गया है। इनकी नियुक्ति विभिन्न मंत्रालयों में सातवें वेतन आयोग के तहत की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि इनकी नियुक्ति पद ग्रहण करने के दिन से मान्य होगी।

अब तक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रक्रिया के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, वन सेवा और राजस्व सेवा के तहत संयुक्त सचिव पद पर नियुक्तियां होती रही हैं। पिछले साल जून में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने लेटरल एंट्री नीति के तहत इन पदों के लिए आवेदन मांगे थे।

इन लोगों की हुई है नियुक्ति

  • काकोली घोष (कृषि मंत्रालय)
  • अंबर दुबे (नागरिक उड्डयन)
  • अरुण गोयल (वाणिज्य)
  • राजीव सक्सेना (आर्थिक मामले)
  • सुजीत कुमार बाजपेयी (वन एवं पर्यावरण)
  • सौरभ मिश्रा (वित्तीय सेवा)
  • दिनेश दयानंद जगदाले (अक्षय ऊर्जा)
  • सुमन प्रसाद सिंह (सड़क परिवहन और राजमार्ग)
  • भूषण कुमार (जहाजरानी मंत्रालय)

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