हरियाणा में खिलाड़ियों की बल्ले-बल्ले, खेल नीति में बड़ा संशोधन, पढ़ें कैबिनेट के अन्य फैसले

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हरियाणा कैबिनेट की बैठक
हरियाणा कैबिनेट की बैठक
हरियाणा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले खिलाड़ियों पर मेहरबान हो गई है। सरकार ने खिलाड़ियों को मालामाल करने का निर्णय लिया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में खेल नीति में बड़ा संशोधन किया गया।

अब हरियाणा की ओर से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में खेलने वाले टीम खिलाड़ियों को भी व्यक्तिगत खिलाड़ी के बराबर नकद पुरस्कार राशि दी जाएगी।

खेल नीति के अनुसार हरियाणा सरकार ओलंपिक ओर पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने पर खिलाड़ी को बतौर व्यक्तिगत पुरस्कार छह करोड़ रुपये देती है। टीम प्रतिस्पर्धा में गोल्ड जीतने पर सभी खिलाड़ियों को कुल यही राशि मिलती थी। कैबिनेट के निर्णय अनुसार अब टीम में शामिल प्रत्येक खिलाड़ी को सरकार छह-छह करोड़ रुपये ही देगी।

इसी तरह से रजत और कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि टीम में शामिल प्रत्येक खिलाड़ी को मिलेगी। एशियाड, कॉमनवेल्थ व अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीतने वाली टीमों के खिलाड़ियों को भी व्यक्तिगत खिलाड़ी के समान नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

जूनियर, सब जूनियर को 75 व 50 प्रतिशत की दर से पुरस्कार

विश्व, एशियाई, कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय चैंपियनशिप व कप के लिए जूनियर और सब-जूनियर श्रेणियों में नकद पुरस्कार टूर्नामेंट में सीनियर वर्ग के लिए निर्धारित राशि के 75 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की दर से दिए जाएंगे।  युवा और कैडेट श्रेणियों को भी नकद पुरस्कार सरकार देगी। अभी तक यह प्रावधान खेल नीति में नहीं था।

पॉलीटेक्निकों में अब छात्रों को पढ़ाएंगे उच्च शिक्षित लेक्चरर

हरियाणा में अब तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले पालीटेक्निक संस्थानों में छात्रों को उच्च शिक्षित लेक्चरर पढ़ाएंगें। पालीटेक्निक संस्थानों में शिक्षा का स्तर और बेहतर बनाने की दिशा में यह सरकार की अहम पहल है। इसके लिए विभाग ने अपने 23 साल पुराने सेवा नियमों को निरस्त कर नए सर्विस रूल्स बनाए हैं। जिन्हे शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में सीएम मनोहर लाल ने हरी झंडी दी है।

इन सेवा नियमों को मॉडल सर्विस रूल्स का नाम दिया गया है। जिसके तहत अब संस्थान की इंजीनियरिंग ब्रांच के लिए नए लेक्चरर पदों पर जो भी भर्तियां होगी, उसमें लेक्चरर पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता एमटेक रखी जाएगी, जबकि इससे पहले न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता बीटेक थी।

इसके लिए विभाग के मॉडल सर्विस रूल्स को स्वीकृति मिल गई है और ऐसा करने वाला हरियाणा उत्तर भारत का पहला राज्य बन गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों में हरियाणा में पालीटेक्निक संस्थानों का एक्सटेंशन तो हुआ है, मगर शैक्षणिक गुणवत्ता में अपेक्षाकृत ज्यादा सुधार नहीं हो पाया। इसी के चलते अब उक्त निर्णय लिया गया है।

फर्स्ट ईयर को अप्लाइड साइंस विषय भी पीएचडी ही पढ़ाएंगे

इसके अलावा अब पालीटेक्निक संस्थानों में फर्स्ट ईयर के छात्रों को अप्लाइड साइंस के विषय जैसे मैथ, फिजिक्स, इंग्लिश व कैमेस्ट्री को पढ़ाने वाले लेक्चरर भी भविष्य में पीएचडी और नेट क्वालीफाइड होंगे। इन लेक्चररों के लिए भविष्य में यही शैक्षणिक योग्यता होगी। दरअसल, फर्स्ट ईयर को इंजीनियरिंग समझने के लिए यह फाउंडेशन कोर्स माने जाते हैं, इसलिए इंजीनियरिंग के पहले साल से ही वेल एजुकेटेड स्टाफ की मदद से छात्रों का बेस मजबूत कर दिया जाए।

ग्रुप ए और बी दोनों के सेवा नियम बदले

हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग (ग्रुप-ए) सेवा नियम,1986 को निरस्त करते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग के ग्रुप-ए अधिकारियों के संबंध में मॉडल सेवा नियमों को स्वीकृति प्रदान की गई। नए नियमों को हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग (ग्रुप-ए) सेवा नियम, 2019 कहा जाएगा।

इन नियमों के लागू होने के बाद, तकनीकी शिक्षा विभाग के संस्थानों में अनेक नए पाठ्यक्रम जैसे सिरेमिक इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, फैशन डिजाइन, खाद्य प्रौद्योगिकी और प्लास्टिक इंजीनियरिंग शुरू हुए।

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