इस धारा से छेड़खानी की आशंकाओं के बीच राज्य सरकार ने सोमवार को सदन में इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। अर्की के कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रश्न किया कि सरकार हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भूमि सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 में संशोधन करने या इसे समाप्त करने का विचार कर रही है?
इसके जवाब में सीएम ने लिखितमें ‘जी नहीं’ कहा। आगे सवाल किया कि यदि हां तो क्या इससे प्रदेश के लोगों के हितों को नुकसान होगा? इसमें संशोधन करने से प्रदेश सरकार और हिमाचल के लोगों को क्या फायदा होने की संभावना है, ब्योरा दें। इसके जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लिखित जबाब दिया कि इसका प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया था ये मामला
केंद्र सरकार पूरे उत्तर-पूर्व में कॉरपोरेट सेक्टर को देने जा रही है। इसके बाद पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह बादल ने भी हिमाचल में बाहरी लोगों को जमीन खरीद में छूट देने का मुद्दा उठाया था। कश्मीर मामले के बाद हाल ही में शिमला ग्रामीण के कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी धारा 118 से छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जताई थी।