उत्तराखंड मौसम अपडेटः आज भी ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश के आसार, देहरादून में छाए बादल

देहरादून
Uttarakhand weather update: rain is expected in most areas today
उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में आज भी बारिश होने के आसार हैं। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राजधानी देहरादून समेत आसपास के इलाकों में बादल छाये रहने और बारिश की आशंका है। कुछ इलाकों में गरज और चमक के साथ तेज बौछारें पड़ सकती हैं। आज सुबह से ही देहरादून में बादल छाए रहे और तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

वहीं देहरादून के ब्रहमपुरी वार्ड क्षेत्र के चमनपुरी राजीव नगर में 1,32,000 केवी के टावर के नीचे से बारिश में पुस्ता बह गया। जिस कारण वहां आसपास के मकानों को खतरा उत्पन्न हो गया है। तीन दिन पहले गिरे इस पुस्ते को लेकर क्षेत्रीय पार्षद सतीश कश्यप ने क्षेत्रीय पटवारी ऋषि पाल नेगी को मौके का मुआयना कराया। इसकी जानकारी विद्युत विभाग को भी भेज दी थी, लेकिन कोई भी देखने नहीं आया। भारी बारिश की चेतावनी लगातार जारी की जा रही है। अगर इससे ज्यादा पुस्ता बहा तो टावर गिर सकता है।

मारवाड़ी बना तीर्थयात्रा के लिए मुसीबत

जोशीमठ में बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ के बाद अब मारवाड़ी भूस्खलन जोन मुसीबत का सबब बन गया है। बुधवार को मारवाड़ी में हाईवे का करीब दस मीटर हिस्सा अलकनंदा में समा गया । जिससे यहां पर बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे यात्रियों के वाहनों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां चट्टानी भाग पर अटके बड़े-बड़े बोल्डर भी खतरे का सबब बने हुए हैं।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से मारवाड़ी में हाईवे चौड़ीकरण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। बीते दिनों हुई जोरदार बारिश से अलकनंदा का जल स्तर बढ़ गया, जिससे बुधवार को सुबह करीब छह बजे मारवाड़ी में हाईवे का करीब दस मीटर हिस्सा भरभराकर अलकनंदा में समा गया। यहां नदी के कटाव से हाईवे को अभी भी खतरा बना हुआ है। मारवाड़ी से होते हुए ही वाहनों से तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर पहुंचते हैं।

इस स्थान पर हाईवे संकरा होने के कारण यात्रा वाहनों को आवाजाही में दिक्कतें पैदा हो रही हैं।  जोशीमठ के एसडीएम अनिल कुमार चन्याल का कहना है कि हाईवे का सुधारीकरण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। बीआरओ की ओर से हिल साइड बोल्डरों का कटान कर हाईवे का सुधारीकरण किया जा रहा है।

टनकपुर-चंपावत हाईवे का 10 से 20 मी. हिस्सा बहा

टनकपुर-चंपावत हाईवे का 10 से 20 मीटर हिस्सा मंगलवार की रात बस्तिया और टिपन टॉप के बीच तीन जगहों पर बह गया है। इससे पिथौरागढ़ से दिल्ली जा रही रोडवेज की बस मंगलवार की रात फंसी रही। क्यूआरटी के सदस्यों ने बस को बृजनगर में खड़ा करा यात्रियों के भोजन और रहने की व्यवस्था कराई। बुधवार सुबह यात्रियों को टनकपुर भेजा गया। हाईवे को बुधवार दोपहर बाद तीन बजे के करीब हल्के वाहनों के लिए खोला जा सका।

उधर, बाटनागाड़ में मलबा आने से टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग  बुधवार की सुबह दो घंटे बंद रहा, जबकि सूखीढांग-डांडा-मीडार मार्ग और श्यामलाताल की स्याला-पोथ रोड अब भी बंद है। अल्मोड़ा जिले में तीन दिन से बंद अल्मोड़ा-घाट-पनार सड़क बुधवार को भी नहीं खोली जा सकी। इसके अलावा, जिले में तीन आंतरिक सड़कें भी बंद हैं।

कोसी में उतराते मिले दो शव
रामनगर में कोसी नदी में कालूसिद्ध के पास दो युवकों के शव उतराते मिले। सूचना पर दमकल कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से दोनों शवों को नदी से निकाला। इनमें एक की शिनाख्त बिहारी टप्पर निवासी पूरन सिंह सेनी (35) पुत्र मोतीराम के रूप में हुई है। पूरन के भाई चंद्रसेन ने बताया कि उसका भाई 19 अगस्त की रात से लापता था। उसकी गुमशुदगी कोतवाली में लिखवाई गई थी। दूसरे शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

बरसात के बाद बदरीनाथ हाई पर सक्रीय हुए डेंजर जोन

चमोली जिले में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर डेंजर जोन सक्रिय हो गये हैं। कई स्थानों पर लगातार मलबा गिर रहा है। पानी के जमाव से सड़कें धंस रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हाईवे पर आवाजाही करना खतरे से खाली नहीं है।

ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर कर्णप्रयाग के पास पंचपुलिया की पहाड़ियां सबसे ज्यादा खतरनाक डेंजर जोन है। करीब एक किमी. तक सड़क के ऊपर ढीली परतदार चट्टानें हर समय खतरे को न्योता दे रही हैं। पूर्व में भी कई बार पंचपुलिया की पहाड़ियों से बोल्डर गिरने से हाईवे पर सफर करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। गलनाऊं में भी सड़क पर मिट्टी फैलने से वाहन फिसल रहे हैं। सड़क की ऊपरी पहाड़ी से बार-बार मलबा आ रहा है।

इसके अलावा बेडाणू में हाईवे पर भूस्खलन हो रहा है। ग्रामीण शिव प्रसाद सती, रमेश, सुरेश आदि ने कहा कि यहां पर कई सालों से सड़क धंस रही है, बार-बार मिट्टी डालकर अस्थाई व्यवस्था की जाती है, जिससे बरसात के दौरान फिर से भूस्खलन सक्रिय हो जाता है। देवलीबगड़ और कर्णप्रयाग-ग्वालदम सड़क पर कालजाबर और मौणा-छीड़ा  और गंगा नगर के स्लाइड जोन से भी बरसात में बार-बार सड़क अवरुद्ध हो रही है।

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