वहीं पर बिक्रम की दोस्ती ऐसे गिरोह के सदस्यों से हुई जो विभिन्न परीक्षाओं में सॉल्वर (दूसरों की जगह परीक्षा देने वाला) का काम करते थे। मिष्ठान भंडार की असफलता व जल्दी अमीर बनने की चाहत ने ही बिक्रम को मुख्य सरगना बना दिया। हरियाणा से जवाली आने के बाद आरोपी ने जवाली में मिष्ठान भंडार खोला। जब यह मिष्ठान भंडार अच्छी कमाई करने लगा, तो उसने इसकी दूसरी शाखा राजा का तालाब में खोल दी।लेकिन वहां का कारोबार अच्छा नहीं चला। इसके चलते जवाली और राजा का तालाब दोनों ही दुकानें घाटे में चली गईं और आरोपी ने दुकानें ही बंद कर दीं। इसके बाद बिक्रम करीब चार साल तक कभी हरियाणा तो कभी जवाली के चक्कर काटता रहा। बताया जा रहा है कि हरियाणा में उसकी दोस्ती ऐसे गिरोह के सदस्यों से हुई जो विभिन्न परीक्षाओं में सॉल्वर का काम करवाते थे।
आरोपी के पास स्विफ्ट कार है और वह एक आलीशान मकान में रहता है। उसकी पत्नी और करीब तीन साल का बच्चा भी है। मुख्य आरोपी की धरपकड़ के लिए कांगड़ा पुलिस जुटी हुई है। हालांकि पुलिस ने आरोपी के घर में दबिश देकर लाखों रुपये नकदी सहित अन्य कई तरह का सामान बरामद किया है। लेकिन मुख्य आरोपी अभी तक पुलिस की पहुंच से दूर है, जिसकी तलाश की जा रही है।