बादल फटने के बाद कुछ ऐसा है गांव का हाल, ऐसे गुजर-बसर कर रहा आपदा प्रभावित परिवार

 टिहरी
टिहरी में मां-बेटे की मौत
टिहरी में मां-बेटे की मौत
गुरुवार की रात टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक की नैलचामी पट्टी के थार्ती गांव के ऊपर बादल फटने से तबाही मच गई थी। जिसमें घर के अंदर सो रहे मां-बेटे काल के गाल में समा गए थे। शुक्रवार की रात यहां का ठप पड़ी बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।

ठेला गांव के समीप क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन की मरम्मत कर ऊर्जा निगम ने शुक्रवार की रात थार्ती, बडियार गांव, तितराणा, चकरेणा, होल्टा, ठेला, मल्याकोट, मल्ड, महड़ और बेहड़ गांव में बिजली की आपूर्ति सुचारू कर दी है। अब क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं पर मरम्मत कार्य चल रहा है। वहीं आपदा प्रभावित शंकर सिंह बुटोला का परिवार गांव में ही अपने दूसरे घर में शिफ्ट हो गया है। बादल फटने के मलबे में फंसकर घायल हुई सपना का जिला चिकित्सालय बौराड़ी में उपचार चल रहा है। लोग अपने घर से मलबा साफ करने में जुटे हैं।

इसी तरह रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनी में भी बीते गुरुवार को भारी बारिश से कई घरों और दुकानों में मलबा पट गया था। यहां प्रभावित गावों में हालात अब सामान्य हो रहे हैं। लोग मलबा साफ करने में जुटे हुए हैं।

थार्ती गांव में बादल फटने से मां-बेटा जिंदा दफन

बता दें कि गरुवार को देर राम थार्ती गांव के ऊपर बादल फटने से घर के अंदर सो रहे मां और बेटा जिंदा दफन हो गए थे। मलबे में दबी एक लड़की को घायल अवस्था में बाहर निकाल लिया गया है। स्थानीय लोगों ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे शवों को बाहर निकाला।

बादल फटने से थार्ती, बडियार गांव, तितराणा, चकरेणा, होल्टा, ठेला, मल्याकोट, मल्ड, महड़ और बेहड़ा गांव के संपर्क मार्ग, पेयजल लाइन, सिंचाई नहरें और सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हो गई है।  रात को हुई बारिश के दौरान थार्ती गांव के ऊपर सौड़ नामे तोक में देर रात  लगभग 12.30 बजे बादल फटने से शंकर सिंह बुटोला का मकान मलबे की चपेट में आ गया।

शीघ्र ही आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश

बादल फटने और गांव के समीप बह रहे नैलचामी गदेरे (नाले) के उफान का शोर सुनकर घर के अंदर सो रहे परिवार के मुखिया शंकर सिंह बुटोला, उनकी पत्नी बचनदेई और पोती स्नेहा बाहर आ गए, लेकिन दूसरे कमरे में सो रही उनकी पुत्र वधू मकानी देवी, पोती सपना और पोता सुरजीत बाहर आने से पहले ही मलबे में दब गए। पोती सपना भी बाहर आते ही मलबे में फंस गई, लेकिन ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर ढाई घंटे बाद उसे मलबे से निकालकर बचा लिया।

बारिश कम होने पर रात डेढ़ बजे ग्रामीणों ने बादल फटने की सूचना आपदा कंट्रोल रूम को दी, लेकिन मूलगढ़-ठेला-थार्ती मोटर मार्ग का 50 मीटर हिस्सा नैलचामी गदेरे में बह जाने से एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम सुबह 8.30 बजे तक थार्ती गांव पहुंच पाई। रेस्क्यू टीम ने शुक्रवार सुबह लगभग 9.30 बजे मलबे में दबी मकानी देवी (35) पत्नी सुमन बुटोला और उसके बेटे सुरजीत सिंह (7) के शव बाहर निकाले।

मृतकों का घटना स्थल पर ही पोस्टमार्टम किया गया। अपराह्न बाद दिवंगत मां-बेटे का नैलचामी में अंतिम संस्कार किया गया। विधायक शक्ति लाल शाह, डीएम डा.वी षणमुगम, एसएसपी डा.योगेंद्र सिंह रावत, एडीएम शिवचरण द्विवेदी ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। विधायक ने प्रभावित परिवारों को शीघ्र ही आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं।

मूसलाधार बारिश ने मंदाकिनी घाटी के गांवों को व्यापक नुकसान

अगस्त्यमुनि की मंदाकिनी घाटी में गुरुवार मध्य रात्रि को हुई मूसलाधार बारिश से अगस्त्यमुनि व विजयनगर समेत कई गांवों में व्यापक नुकसान पहुंचा। अतिवृष्टि से तीन आवासीय मकानों को क्षति पहुंची है। चाका गांव में मलबा घुसने से मकान में फंसे 77 वर्षीय वृद्ध और उनकी पत्नी को ग्रामीणों ने देर रात्रि सुरक्षित निकाला। जबकि गांव में तीनों प्रभावित परिवारों को प्रशासन द्वारा निकट के प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया गया। यहां उनके भोजन और ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।

देर रात्रि 11 बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से अगस्त्यमुनि, विजयनगर, बेडूबगड़, सौड़ी, गिवाला, जखोट, रुमसी, फलासी, चाका, चंद्रापुरी गांव में व्यापक रूप से तबाही हुई है। जखोट गांव में चंदलाल और रुमसी गांव में पूजा देवी की दुधारू गाय गोशाला टूटने से मलबे में दबकर मर गई। वहीं, चाका गांव के ऊपर भूस्खलन से आए भारी मलबे में दबने से गांव के विशालमणि की भैंस मर गई।

60 से अधिक दुकानदारों के दुकानों में बरसाती पानी घुस गया

जबकि चाका गांव में चिंतामणि नौटियाल, विशालमणि भट्ट और देवेंद्र भट्ट के आवासीय मकान मलबे की जद से क्षतिग्रस्त हो गए। इन परिवारों को स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सकुशल बचाया गया। इधर, अगस्त्यमुनि व विजयनगर में गदेरे (नाले) के उफान से जहां रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे देर रात्रि को भारी मलबा के कारण बंद हो गया था। वहीं, स्थानीय रमेश रावत, उमेश कांडपाल, भुवन डोबरियाल, जीतपाल बुटोला समेत 60 से अधिक दुकानदारों के दुकानों में बरसाती पानी घुस गया, जिससे उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है।

दूसरी ओर एनएच द्वारा भी कड़ी मशक्कत के बाद विजयनगर में हाईवे पर यातायात सुचारु किया गया।  प्रभारी पुलिस अधीक्षक राजेश भट्ट ने बताया कि गुरुवार देर रात्रि को ही पुलिस बल को क्षेत्र के लिए रवाना कर दिया गया था, लेकिन जगह-जगह सड़क टूटने से मौके पर पहुंचने में दिक्कत हुई। बावजूद प्राथमिकता से और दो स्थानों को केंद्र बनाकर राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया।

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