कुमारहट्टी हादसे को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, इस वजह से गिरा चार मंजिला भवन

सोलन
    Four storey building in Kumarahatti solan collapsed due to septic tank built in basement
    विशेषज्ञ की सलाह के बिना कच्ची मिट्टी, कमजोर बेसमेंट पर चार मंजिला भवन खड़ा करना और ठीक उसके सामने सेप्टिक टैंक बनाना असम राफयल के 13 जवानों व एक महिला की मौत की मुख्य वजह बना। 14 जुलाई को हुए कुमारहट्टी हादसे की ज्यूडिशियल जांच पूरी होने के बाद राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में इस तथ्य का खुलासा हुआ है।

    एसडीएम सोलन रोहित राठौर की निगरानी में कई विभागों की संयुक्त टीम ने लगातार निरीक्षण व ग्राउंड पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं। इसमें भवन निर्माण के दौरान लापरवाही का खुलासा हुआ है। जांच में भवन का बेसमेंट सबसे कमजोर पाया गया। इसके अलावा भवन के भूतल में बने सेप्टिक टैंक ने भी चार मंजिला भवन को धराशायी करने में अहम भूमिका अदा की।

    बेसमेंट खिसकते ही भवन पहले दाईं ओर झुका और उसके बाद धराशायी हो गया। जिस समय भवन गिरा उसने केबिन की शक्ल ले ली। जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि भवन के तीन मालिक हैं, लेकिन जांच दल ने मुख्यतौर पर निर्माणकर्ता को ही भवन के इस हाल का दोषी माना है। मुख्य मालिक ने निर्माण के बाद भवन की अलग-अलग मंजिल को आगे बेच दिया था।

    भवन खरीदने वाले इसके निर्माण में बरती गई कोताही से पूरी तरह अवगत नहीं थे। भवन का निर्माण छह साल में पूरा किया गया। लेकिन एक भी बार विशेषज्ञ की सलाह नहीं ली गई। हालांकि कुमारहट्टी-नाहन मार्ग पर जिस जगह यह हादसा हुआ है वहां टीसीपी एक्ट लागू नहीं है। लेकिन इसके बावजूद चार मंजिल भवन की जांच के दौरान कोई ड्राइंग नहीं मिली है।

    इन पांच बिंदुओं पर केंद्रित रही जांच

    निर्माणकर्ता ने बिना ड्राइंग के अपनी समझ के अनुसार ही भवन का निर्माण किया था। बहरहाल, न्यायिक जांच पूरी होने के बाद अब यह रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है और इस पर अब राज्य सरकार की तरफ से फैसला लिया जाएगा। भवन की जांच के दौरान न्यायिक जांच समिति ने जिन पहलुओं पर फोकस किया उनमें मिट्टी व जमीन की स्थिति, भवन निर्माण में इस्तेमाल सामग्री, भवन निर्माण में लगे समय, नेशनल हाईवे के नियम व नक्शा बना था या नहीं मुख्य बिंदू रहे हैं।

    इनमें ज्यादातर बिंदुओं पर भवन खरा नहीं उतर पाया। जांच टीम ने भवन के नीचे की मिट्टी की जांच करवाई है। इसके अलावा भवन के अवशेष से मिले कंकरीट और पिलरों के भी माप लिए गए हैं। ज्यूडिशियल जांच अधिकारी एसडीएम रोहित राठौर ने बताया कि एक टीम बनाई गई थी। इस टीम की मदद से जांच पूरी की गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आए हैं उन्हें सरकार के सुपुर्द कर दिया गया है।

    14 जुलाई को हुआ था हादसा

    उन्होंने बताया कि भवन में बहुत सी खामियां पाई गई हैं। भवन का बेसमेंट चार मंजिल का भार झेलने लायक नहीं था। जमीन कच्ची थी जिसे भवन के फ्रंट पर बने कच्चे-पक्के सेप्टिक टैंक ने और कमजोर बना दिया। उन्होंने कहा कि अब रिपोर्ट पर सरकार को निर्णय लेना है। कुमारहट्टी में नाहन मार्ग पर 14 जुलाई को एक चार मंजिला भवन धराशायी हो गया था।

    इस भवन में एक ढाबा चल रहा था। जहां असम रायफल के 30 जवान खाना खाने के लिए रूके थे। जिस समय यह जवान भवन में थे अचानक पूरा भवन जमींदोज हो गया और हादसे में 13 जवानों समेत ढाबा संचालक महिला की भी मौत हो गई। हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे और एसडीएम सोलन को जांच अधिकारी नियुक्त किया था।

    Related posts