CM अखि‍लेश ने बुलाई MLA-MLC की बैठक

लखनऊ: ‘यादव परिवार’ में मची घमासान के बीच लोगों की निगाहें अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा विधायकों और मंत्रियों की आज बुलाई गई बैठक पर टिक गई हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बैठक को शक्ति प्रदर्शन के रुप में देखा जा रहा है क्योंकि 24 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने विधायकों और सांसदों की बैठक बुला रखी है।

अखिलेश ने बुलाई MLA-MLC की बैठक
यादव के बैठक की तिथि निर्धारित करने के बाद उनके पुत्र मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज 23 अक्टूबर को विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाने की घोषणा की। सपा में चल रही वर्चस्व की लड़ाई के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने चारों युवा संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी। युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष के रुप में अभिषेक सिंह आशू, अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश अध्यक्ष के रुप में फरहत हसन खान को मनोनीत किया गया है जबकि लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा और यूथ ब्रिगेड की कमान विजय यादव को सौंपी गई है।

निष्कासित सभी युवा अखिलेश के समर्थक
इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर चारों युवा संगठनों के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्षों के मुलायम सिंह यादव के घर के सामने प्रदर्शन करने के कारण निष्कासित कर दिया गया था। इनके साथ कई और युवाओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। निष्कासित किए जाने वाले सभी युवा अखिलेश यादव के समर्थक हैं। इन लोगों के स्थानों पर चार युवा संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गई। इससे दूरियां और बढ़ने की सम्भावना है।

उदयवीर सिंह को 6 वर्ष के लिए निष्कासित किया
सपा में चल रही रार से बेचैन बेनी प्रसाद वर्मा, किरनमय नन्दा, रेवती रमण सिंह सरीखे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश से मुलाकात की। अभी फिलहाल कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है। इससे पहले मुलायम सिंह यादव को तल्ख चिट्ठी लिखने वाले राज्य विधान परिषद के सदस्य उदयवीर सिंह को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर ‘युवा विद्रोह’ को दबाने की कोशिश की गई। चिट्ठी में लिखे गए शब्दों से मुलायम सिंह यादव बहुत नाराज थे। उदयवीर सिंह का निष्कासन राज्य कार्यकारिणी की बैठक के एक प्रस्ताव में पारित हुआ।

सत्ता में आने पर अखिलेश यादव ही बनेंगे सीएम
शिवपाल सिंह यादव ने जिला अध्यक्षों और महासचिवों की बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने स्पष्ट घोषणा की कि वह स्टाम्प पेपर पर लिखकर दे सकते हैं कि पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही बनेंगे। इसके बावजूद तनाव बरकरार है। पार्टी की युवा ब्रिगेड तलवार ब्यान में रखने को तैयार नहीं दिख रही। इन घटनाक्रमों के बीच राजनीतिक विश्लेषकों की नजर अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई आज की बैठक पर लगी हुई है। आज की बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कल मुलायम सिंह यादव ने भी उन्हीं लोगों की बैठक बुलाई है जिसमें से ज्यादातर को आज अखिलेश यादव की बैठक में आना है।

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