इस महिला को चांद का नहीं इंसाफ का है इंतजार

फरीदाबाद : गैंगरेप पीड़ित न्याय के लिए तीन दिन से पुलिस आयुक्त कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठी है, लेकिन अभी तक उसकी सुध लेने के लिए न तो प्रशासन का कोई अधिकारी पंहुचा है और न उसे डॉक्टरी मदद मुहैया कराई गई है। जबकि अनशन के तीसरे दिन उसकी हालत गंभीर हो गई है। पीड़ित पहले ही इच्छा मृत्यु की मांग कर चुकी है, अगर प्रशासन का यही रवैया रहा तो उसकी यहां मौत भी हो सकती है। छात्र नेता भूदत्त पाराशर कांग्रेसी नेत्री खुशबु खान, समाजसेविका डॉक्टर आलोक दीप, अनशनकारी बाबा रामकेवल,युवा नेता गुलशन कुमार मौके पर पहुंच कर इस पीड़िता को अपना समर्थन दिया और न्याय मिलने तक साथ देने का वायदा किया। करवाचौथ के दिन जहां विवाहिता अपने पति की दीर्घायु की कामना करती है। वहीं एक गैंगरेप पीडिता न्याय के लिए तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठी है। पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने न्याय की लड़ाई लड रही पीड़िता के अनशन के तीसरे दिन हालत गंभीर हो गई है। पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। सेक्टर 21 स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर एवं दोषियों की गिरफ्तारी तक अपना अनशन जारी रखने वाली गैंगरेप पीड़िता के धरने के तीसरे दिन हालत गंभीर हो गई है। धरने के तीसरे दिन पीड़िता को समर्थन देने पहुंचे पूर्व छात्र नेता भूदत्त पाराशर, कांग्रेसी नेत्री खुशबु खान, समाजसेविका डॉक्टर आलोक दीप, अनशनकारी बाबा रामकेवल,युवा नेता गुलशन कुमार मुख्यरूप से उपस्थित रहे। अनशन के तीसरे दिन गैंगरेप पीड़िता की हालत गंभीर हो गई है। पीड़िता बोल नहीं पा रही है। पीड़िता की लडाई का समर्थन करने पहुंचें पूर्व छात्र नेता भूदत्त पाराशर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस महिला के साथ गलत हुआ और उससे भी गलत पुलिस प्रशासन कर रहा है। न्याय मिलने में देरी होना भी अन्याय ही कहलाता है। भुदत पाराशर ने कहा कि पीड़िता पिछले 11 महीनों से न्याय के लिए शांतिपूर्वक संघर्ष कर रही है। बावजूद उसके पुलिस प्रशासन उचित कार्रवाई नहीं कर रहा है। पाराशर ने पुलिस आयुक्त डॉक्टर हनीफ कुरैशी से मिलाकात कर पीड़िता को जल्द से जल्द एवं सही न्याय दिलाने की मांग रखी। पीड़िता जो कि फरीदाबाद की रहने वाली है जिसके साथ मथुरा-वृंदावन में 31 अक्टूबर, 2015 को सामूहिक बलात्कार किया गया जिसमें कुल 5 लोग शामिल थे। इस शर्मनाक वारदात को 10 दिन बाद पूरा एक साल हो जाएगा लेकिन फरीदाबाद पुलिस पीड़िता को पूर्ण न्याय नहीं दिला पाई है। उक्त आरोपियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग को लेकर पीड़िता पिछले 11 महीने से न्याय के लिए भटक रही है।

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