अमरीकी राष्ट्रपति पद की बहसों में होती आई हैं भारी चूक

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न्यूयॉर्क:अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी बहस इस दौड़ में शामिल उम्मीदवारों को एक ‘‘बड़ा फर्क लाने’’ और मतदाताओं को प्रभावित करने के मामले में अहम अवसर उपलब्ध कराती हैं लेकिन बहस का इतिहास अपने अंदर कई चूक भी समेटे हुए है। फिर चाहे बहस के दौरान रिचर्ड निक्सन का ‘‘होंठ के ऊपर पसीने की बूंदें’’ पोंछने की बात हो या जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश का अपनी घड़ी देखना।
हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप लास वेगास की यूनिवर्सिटी आॅफ नेवादा में बुधवार को होने जा रही अपनी अंतिम बहस के लिए तैयार हैं। बरूच कॉल के आॅस्टिन मार्क्से स्कूल आॅफ पब्लिक एंड इंटरनेशनल अफेयर्स के डीन डेविड बर्डशेल का कहना हैै कि अंतिम बहस एक बड़ा प्रभाव पैदा करने के लिहाज से‘‘अंतिम ज्ञात अवसर’’है लेकिन यदि उम्मीदवार कोई चूक कर देते हैं या किसी तरह का कोई गंभीर गलत कदम उठा लेते हैं तो ‘‘वे अपना नुकसान भी कर सकते हैंं।’’
बर्डशेल ने इस सप्ताह अंतिम बहस से जुड़ी संभावनाओं के बारे में न्यूयार्क फॉरेन प्रेस सेंटर द्वारा आयोजित एक सत्र में कहा,‘‘निश्चित तौर पर दोनों ही उम्मीदवारों के लिए यह अंतिम तय अवसर है, जिसमें वे एक बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि बहस के आगे बढ़ने के साथ-साथ उन लोगों की संख्या कम होती जाती है, जो फिलहाल खुद को अनिर्णीत बताते हैं। बहस आगे बढ़ने के साथ-साथ वे यह तय करने लगते हैं कि वे किसे वोट देना चाहते हैं।
बर्डशेल ने कहा कि वैसे तो राष्ट्रपति पद की बहस उम्मीदवारों को मतदाताओं का दिल जीतने का अवसर देती हैं लेकिन इन बहसों का इतिहास कई चूकों से भरा हुआ है। इसमें 1960 में राष्ट्रपति पद की बिल्कुल पहली बहस में निक्सन के होंठ के उच्च्पर पसीने की बूंदें दिखाई पड़ना और 2012 में मिट रोमनी के साथ अपनी पहली बहस में राष्ट्रपति बराक ओबामा का निरूत्साह सा दिखना शामिल है।अमरीकी राष्ट्रपति पद की पहली बहस 1960 में अमरीकी सीनेटर और डैमोक्रेटिक उम्मीदवार जॉन एफ कैनेडी और रिपब्लिकन उम्मीदवार एवं उपराष्ट्रपति निक्सन के बीच हुई थी।
यह टीवी पर प्रसारित होने वाली देश की पहली बहस भी थी और निक्सन की आलोचना हल्के रंग की पृष्ठभूमि में हल्के रंग का सूट पहनने के लिए भी की गई थी।बहस के दौरान अपने होंठों से उच्च्पर आए पसीने को पोंछते हुए निक्सन की तस्वीर इस पुरानी बहस की पहचान बन चुकी है। बर्डशेल ने कहा कि ऐसी भी आम धारणा है कि ओबामा ने वर्ष 2012 में रोमनी के खिलाफ पहली बहस में ‘‘ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं किया’’ था।

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