जॉबकार्ड का इस्तेमाल कर बेरोजगारों की मजदूरी से कूट रहे हैं मोटी चांदी

  • जॉबकार्ड का इस्तेमाल कर बेरोजगारों की मजदूरी से कूट रहे हैं मोटी चांदी 

नाहन: केंद्र सरकार द्वारा पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत प्रत्येक परिवार के व्यक्ति को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया है। एक तौर से यह एक कल्याणकारी योजना है, जो बेरोजगारों को 100 दिन 18 से 60 वर्ष तक के ग्रामीणों को दे रही है। लेकिन असल में इस योजना का दुरुपयोग हो रहा है। जमीनी स्तर पर यह योजना पंचायत के पदाधिकारियों व कुछ उनके ठेकेदारों तक सीमित होकर रह गई है। पंचायत की मिलीभगत के चलते इस योजना में ठेकेदारी प्रथा चली हुई है।
पंचायत के कुछ ठेकेदार पंचायत की गरीब जनता को बहला-फुसला कर उनके जॉबकार्ड का इस्तेमाल कर उनकी ही मजदूरी से लाखों रुपए की मोटी चांदी कूट रहे हैं, जिस कारण योजना का लाभ गरीब जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। हालांकि मनरेगा में कागजी कार्रवाई ये लोग पूरी करते हैं, फिर भी सैंकड़ों शिकायतें ऐसी हैं, जो हर माह संबंधित कार्यालय में मनरेगा में धांधलियों की आती रही हैं। बावजूद इसके विभागीय कार्रवाई नाममात्र की ही नजर आती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता और सभी कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर यह योजना केवल ठेकेदारों तक सीमित होकर रह गई है।

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