जिससे व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे छात्रों को प्रशिक्षण संबंधी सामग्री की कमी न हो। व्यावसायिक प्रशिक्षण में प्रैक्टिकल के दौरान कई प्रकार की सामग्री की आवश्यकता होती है। अब छात्रों को प्रैक्टिकल संबंधी सामग्री की कमी नहीं होगी। स्कूलों को बजट जारी कर दिया गया है।
प्रदेश में वर्तमान में पांच सौ स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है। वर्ष 2013-14 में सौ स्कूलों में यह योजना शुरू की गई थी। 2014-15 में भी एक सौ और स्कूलों को इससे जोड़ा गया। 2015-16 में तीन सौ सरकारी स्कूलों को योजना से जोड़ा गया है। छात्रों की प्रशिक्षण संबंधी सामग्री के लिए मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट से बजट जारी हुआ है।
विभाग की मानें तो 2013-14 वाले सौ स्कूलों को 50-50 हजार, 2014-15 वाले स्कूलों को 35-35 और 2015-16 वाले स्कूलों के लिए 25-25 हजार की राशि दी जाएगी। कक्षाओं के हिसाब से स्कूलों को बजट जारी किया गया है। शीघ्र योजना में आने वाले सरकारी स्कूलों को बजट जारी किया जाएगा।
स्कूलों में चल रहे ये ट्रेड- प्रदेश के पांच सौ स्कूलों में ऑटोमोबाइल, हेल्थ केयर, रिटेल, आईटीइएस (इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी इनेबल सर्विसेज), सिक्योरिटी, टूरिज्म, एग्रीकल्चर और टेलीकॉम के ट्रेड चल रहे हैं।
स्टेट नोडल ऑफिसर एनएसक्यूएफ डा. गिरजानंद चौहान ने कहा कि 2013-14 वाले सौ स्कूलों को 50-50 हजार रुपये मिलेंगे। 2014-15 वाले स्कूलों को 35 और 2015-16 वाले स्कूलों को 25-25 हजार रुपये मिलेंगे। पांच सौ स्कूलों को राशि जारी की गई है। इन्हें मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट से बजट मिला है।