मिलिए, खतरों के असली खिलाड़ी रावेंद्रम से

अगर हौसला बुलंद हो तो कठिन से कठिन डगर भी आसान हो जाती है। कुछ ऐसा ही जज्बा लेकर मनाली-लेह मार्ग के जोखिम भरे सफर पर निकला है बेंगलूरु का वरुण रावेंद्रम। महज 11 साल की उम्र में वरुण इस रूट पर साइकलिंग करने का रिकॉर्ड बनाकर सबसे कम उम्र का साइकलिस्ट बना है।

यह दावा मनाली-लेह रूट पर साइकिल और मोटर बाइक रैली करवाने वाली लद्दाखी संस्था हिमालयन डेजर्ट मोटर बाइक रैली के संयोजक दोरजे ने किया है। बेंगलूरु के एक निजी स्कूल में छठी कक्षा में अध्ययनरत वरुण अपनी माता अमुदा और पिता रवि के साथ 485 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह रूट पर साइकलिंग करने निकला है।

13050 फुट ऊंचा रोहतांग दर्रा पार करने के बाद वरुण 14 हजार फुट बारालाचा, 18 हजार फुट खारदुंगला समेत कई दर्रे पार कर लेह पहुंचेगा। इस उम्र में इस मार्ग पर सफर करना किसी चुनौती से कम नहीं है। वरुण की मां अमुदा ने बताया कि वह अपने पति रवि के साथ मोटर बाइक पर इस रूट का सफर कर चुकी हैं।

वरुण को बचपन से साइकलिंग का शौक है। उसकी जिद पर बेटे को इस बार अपने साथ शामिल किया है। उन्होंने बताया कि 29 अगस्त तक लेह पहुंचने का लक्ष्य है। पिता रवि भी वरुण के इस जुनून को लेकर बेहद उत्साहित हैं।

जोखिम भरा है इस रूट पर सफर

मनाली-लेह मार्ग को मोटर बाइक रैली के लिए देश का सबसे रोमांचक और जोखिम भरा रूट माना जाता है। पल-पल बिगड़ते मौसम और साल के किसी भी महीने में बर्फबारी की आशंका के चलते इस रूट पर साइकलिंग करना और भी चुनौतीपूर्ण है।

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