ऐसा था बस हादसे का आंखों देखा मंजर

bus broke into two parts
कढारघाट घाटी का नजारा खौफनाक था। ऊपर सड़क से बस खाई में गिरी और बीच से टूटकर दो हिस्सों में बंट गई। बस के परखच्चे उड़ने से सवारियां दूर जा गिरी। ये इलाका सुनसान है। करीब आधे घंटे बाद लोग घटनास्‍थल पर पहंचे।

नीचे मंजर दिल दहला देने वाला था। केवल तीन-चार यात्री ही थे जो कराहकर अपने जिंदा होने का सुबूत दे रहे थे। बाकी यात्री सदमे और चोट से दम तोड़ चुके थे। समय-3.30 बजे, खबर मिलते ही आसपास के गांवों से लोग भागते दौड़ते दुर्घटनास्थल पर पहुंचे।

सड़क से देखने पर दूर-दूर तक बस का नामोनिशान नहीं था। पूरी घाटी धुंध की आगोश में थी। हल्की बारिश के बीच स्थानीय लोगों ने दुर्घटनाग्रस्त बस से घायलों को निकालने के लिए खाई में उतरना शुरू किया।

खाई में हर तरफ बिखरे पड़े थे शव

dead bodies are lying here and there in the george
करीब 4:00 बजे, शिमला-करला रूट पर जा रही बस दुर्घटना स्थल पर पहुंची। बस को रोक कर चालक अन्य यात्रियों के साथ मदद के लिए खाई में उतर गया। चारों तरफ घायल कराह रहे थे। शव बिखरे पड़े थे।

खाई में तो लाखें बिखरी पड़ी थीं। बस के नीचे भी तीन लाशें फंसी हुई थीं। चीख पुकार से पूरा कढ़ारघाट गूंज उठा। समय- 4:30 बजे, दुर्घटना स्थल पर एचआरटीसी के अधिकारी, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पहुंचे।

रेस्क्यू टीम के खाई में उतरने के बाद सबसे पहले पांच लाशें सड़क तक पहुंचाई गईं। एचआरटीसी के कंडक्टर का क्षतविक्षत शव भी इसमें शामिल था। समय 5:00 बजे, दो घायलों को सड़क तक पहुंचाया गया। एक निजी गाड़ी में घायलों को सुन्नी अस्पताल की ओर रवाना कर दिया गया।

बारिश ने बचाव कार्य में डाला खलल

कौन दे पत्नी-बेटे की मौत की खबर

shimla bus accident
वहीं, सेब सीजन में चार पैसे कमाने के लिए अपने परिवार को छोड़ कर कोटखाई गए कढारघाट निवासी दीप प्रकाश वर्मा को जैसे ही बस हादसे की सूचना मिली, वह सब कुछ छोड़ बदहवास देर शाम करीब सात बजे शिमला आईजीएमसी पहुंचा।

यहां करीब 8 बजे बेटी के घायल अवस्था में पहुंचते ही दीप प्रकाश का सब्र का बांध टूट पड़ा और वह फफक-फफक रो पड़ा। हादसे में लहुलुहान हुई अपनी मासूम बेटी को वह देख भी नहीं पा रहा था।

किसी तरह हिम्मत जुटा कर वह एंबुलेंस के पास पहुंचा और बेटी से लिपट गया। इसी बस में उसकी पत्नी और सात वर्षीय बेटा भी सवार था। दोनों की हादसे में मौत हो चुकी थी। दुखद समाचार की कइयों को जानकारी थी पर कोई बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

bus broke into two parts3
समय 6:00 बजे, कढ़ारघाट में मुख्य सड़क पर करीब एक किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गईं और जाम की स्थिति बन गई। बारिश तेज होने के कारण करीब आधे घंटे तक राहत कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ।

बारिश के कारण खाई में उतरने वाला अस्थायी रास्ता कीचड़ में तबदील हो गया। समय 7:00 बजे, सड़क में लोगों का तांता लगा हुआ था। खाई से जैसे जैसे शव सड़क में पहुंच रहे थे सड़क में खड़े लोगों के दिलों की धड़कने तेज हो रही थीं। सड़क किनारे शवों का ढेर लग चुका था।

करीब 15 शव सड़क तक पहुंचाए जा सके थे। समय 7:30 बजे, अंधेरे के कारण राहत कार्य में दिक्कत पेश आ रही थी। बसों के नीचे अभी भी शव फंसे थे। कड़ी मशक्कत के बाद दो महिलाओं के शव निकाले। जैसे-जैसे अंधेरा हुआ सन्नाटा बढ़ने लगा, लेकिन अपनों को खोने वालों की रोना जारी था।

बस के नीचे टुकड़ों में मिला शव

shimla bus accident: conductor died in front of his home2
दुर्घटना की सूचना मिलते ही कंडक्टर के गांव मांजू केलू से भारी संख्या में लोग दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए। करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गहरी खाई में कंडक्टर का क्षत विक्षत शव खोजा जा सका।

बताया जा रहा है हादसा इतना भयानक था कि परिचालक का शव कई टुकड़ों में बिखरा हुआ मिला। इसके बाद मौके पर पहुंचे दूसरी बस के चालक गुरु देव शर्मा को कंडक्टर गीताराम का क्षत विक्षत शव मिला। वे उसे गोद में उठाकर सड़क तक ले आए।

उधर, बस दुर्घटना में कंडक्टर गीताराम की मौत पर एचआरटीसी परिचालक यूनियन के प्रधान कुलदीप कुमरा ने गहरा दुख जताया है। कुमरा ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं।

Related posts