श्रीखंड यात्राः हर कदम कदम पर होगा इम्तिहान

 

this year shrikhand journey will be full of danger

18570 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव की यात्रा इस बार किसी खतरे से खाली नहीं है। समय पर बरसात न होने से कारण रास्तों में अभी भी 15 से अधिक ग्लेशियर यहां आने वाले श्रद्धालुओं के इंतजार में है।

वहीं, नयन सरोवर से श्रीखंड तक करीब 7 किमी रास्ता अभी भी बर्फ में दबा हुआ है। श्री खंड से लौटे आनी के हैप्पी, सवीटू, अशोक और राजेश का कहना है कि भीम तलाई से भीमडवारी तक अभी भी 10 ग्लेशियर है।

उधर, भीमडवारी से लेकर पार्वती बाग तक पांच ग्लेशियर राह को और भी कठिन बना रहे है। नयन सरोवर से लेकर श्रीखंड तक लगभग सात किमी का रास्ता अभी भी बर्फ से दबा हुआ है।

इससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कहां से रास्ता है। उक्त युवाओं का कहना है कि इस बार रास्ते में किसी से छोटी सी भी गलती हुई तो समझो गए गहरी खाई में।

इस बार बारिश समय पर न होने से बर्फ नहीं पिघल पाई है। जिस कारण भी रास्ते में ग्लेशिय और बर्फ जमी हुई है। अगर बारिश समय पर होती तो यात्रा आसान होती। गौरतलब है कि 15 से 25 जुलाई तक होने वाली इस यात्रा में हर साल हजारों श्रद्धालु श्रीखंड यात्रा के लिए आते है।

हालांकि इस बार यात्रा के सफल संचालन के लिए प्रशासन की ओर से ट्रस्ट का भी गठन किया गया है। वहीं रास्तें में स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता प्रबंधन किए गए है। लेकिन इसके बाद भी इस बार यात्रा किसी खतरे से खाली नहीं है।

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