शुरूआती चरण में इन्हें मंडी, शिमला और कांगड़ा जिलों में ही बनाने का प्रस्ताव है। यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो इस सुविधा को अन्य स्थलों पर भी दिया जाएगा। प्रदेश पथ परिवहन निगम इस नई योजना पर काम शुरू करने जा रहा है।
इसके दो मकसद हैं। एक तो यह कि इससे निगम की आमदनी बढ़ाई जा सकेगी। दूसरा मकसद यह है कि इससे निजी ट्रकों, बसों और टैक्सी चालकों को भी आसानी से सस्ती रिहाइश मिल सकेगी।
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डा. आरएन बत्ता ने बताया है कि बसों, ट्रकों और अन्य वाहन चालकों के लिए सार्वजनिक निजी सहभागिता के तहत विभिन्न स्थलों पर चालक विश्राम कक्ष बनाने का निर्णय लिया गया है।
सबसे पहले यहां बनेंगे रेस्ट हाउस
शुरू में मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर मंडी तथा मनाली के मध्य, कांगड़ा जिले में भी उचित स्थान पर और शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भी चयनित स्थल पर ऐसे विश्राम गृह निर्मित किए जाएंगे।
निदेशक ने कहा कि एचआरटीसी के चालकों के लिए ऐसे ठहराव की व्यवस्था पहले से ही है। अन्य ड्राइवरों को भी ऐसे विश्राम गृहों में सुविधा दी जाएगी।