इनके लिए मौत का मतलब है मुक्ति

बीते साल का जाना और नये का स्वागत। राजधानी देहरादून के यह लोग इससे इत्तफाक नहीं रखते।

जश्न का मतलब चार रोटी और रेन बसेरा
इनके लिए जीवन संघर्ष है और मौत का मतलब है मुक्ति। सड़कों के किनारे रहने वाले खानाबदोश लोगों के लिए तो हर जश्न का मतलब है चार रोटी और रात को आसमान से गिरते पाले से बचने लिए तमाम जद्दोजहद के बाद मिलने वाली रेन बसेरा की छत।

शहर में इस समय हजारों की संख्या में भिखारी सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर हैं। इनमें से कुछ दून अस्पताल तो कुछ प्रिंस चौक पर सड़क किनारे रहते हैं। सरकार के पास इन लोगों के पुनर्वास के लिए कोई सही योजना नहीं है।

रात होते ही कई रैन बसेरों में चले जाते हैं लेकिन कइयों को उसका पता तक नहीं मालूम। कई सड़क के किनारे ही सर्दी में पड़े रहते हैं। कई लोगों को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म और बस अड्डे पर भी सर्दी में कांपते हुए रात गुजारते देखा जा सकता है।

तैयारी पूरी, लेकिन आस अधूरी
नए साल के लिए अब चंद घंटे ही बाकी हैं। 2014 के इस्तकबाल के लिए देहरादून और मसूरी तैयार हैं, उन्हें इंतजार है तो सैलानियों का। आपदा के बाद निराश होटल उद्यमियों को नए साल से काफी उम्मीदें हैं।

यही वजह है कि पर्यटकों को लुभाने के लिए होटलों में खास पैकेज दिए जा रहे हैं। हालांकि वर्किंग डे होने के कारण पिछले वर्षों के मुकाबले जश्न मनाने वालों का रूखापन दिख रहा है।

होटलों में होने वाली पार्टियों में कपल एंट्री पर एक हजार से पांच हजार रुपए तक का पैकेज दिया जा रहा है। इसमें खाने-ठहरने से लेकर नाइट पार्टी तक शामिल है।

इस बार बुकिंग कम
उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन और दून वैली होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी कोचर ने बताया कि दून के ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट पैकेज दे रहे हैं, लेकिन इस बार बुकिंग कम है। बाहरी पर्यटकों की आमद शुरू नहीं हुई है।

उधर, मसूरी में स्टार और नॉन स्टार होटलों के पैकेज में डांस और डिनर के साथ कॉकटेल शामिल है। लेकिन अब तक बहुत कम होटल ही फुल हुए हैं। ऐसे में वाक इन गेस्ट को टैरिफ में तीस से चालीस प्रतिशत तक छूट की उम्मीद है।

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएन माथुर का कहना है कि वर्किंग डे होने से होटलों में मात्र चालीस फीसदी ही एडवांस बुकिंग हुई है। प्रवक्ता संदीप साहनी ने बताया कि मसूरी में विंटर कार्निवाल के कारण भी नए साल पर सैलानियों की आमद में असर पड़ सकता है।

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