निकाय कर्मियों को वेतन, पेशन और ग्रेच्युटी फंड बने

मंडी। स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने वेतन, पेंशन एवं ग्रेच्युटी फंड स्थापित करने की मांग की है। संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा एवं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिला। इसमें विभिन्न नगर परिषदों, नगर पंचायतों एवं नगर निगम शिमला के कर्मचारी प्रतिनिधि शामिल थे। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने शहरी विकास मंत्री एवं मुख्यमंत्री को मांगपत्र सौंप कर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। इसमें इन कर्मचारियों के वेतन, पेंशन एवं ग्रेच्युटी के लिए कोई फंड और हैड न होने से कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संघ के अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर ने कहा कि शहरी निकायों के पास अगर पैसा है तो कर्मचारियों को वेतन और पेंशन मिलेगी। अगर पैसा नहीं है तो कर्मचारी हाथ मलते ही रहते हैं। हालांकि, सभी निकाय गंभीर आर्थिक संकटों से जूझ रहे हैं। इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपनी देय राशि प्राप्त करने के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कर्मचारी महासंघ ने मांग की है कि म्युनिसिपल एक्ट 1994 की धारा 306 की उपधारा 5 एवं 6 के अनुसार निदेशालय स्तर पर पेंशन एवं ग्रेच्युटी फंड स्थापित किए जाएं। उसी प्रकार निकाय कर्मचारियों की सेवाएं प्रदेश स्तर पर होनी चाहिए। उसी प्रकार निकाय कर्मियों के भर्ती एवं पदोन्नति नियम लागू किए जाएं, जबकि योग्यता पूरी करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को जो तृतीय श्रेणी का कार्य कर रहे हैं, उन्हें पदोन्नत किया जाए। वहीं जमा दो की शर्त को हटाया जाए। दिहाड़ीदार कर्मी जो 14-15 सालों से कार्यरत हैं, उन्हें नियमित किया जाए।

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