चोरी करने का आरोप लगाने वाला डाक्टर फंसा

शिमला। आईजीएमसी में एक प्रोफेसर ने आपरेशन थियेटर से 45 हजार चोरी होने की बात कहकर हड़कंप मचा दिया। संबंधित डाक्टर ने संदेह चतुर्थ श्रेणी की एक महिला कर्मचारी सहित दो कर्मचारियों पर जताया। मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने कर्मचारियों से पूछताछ की और उनके घरों की तलाशी भी ली लेकिन कहीं भी पैसा नहीं मिला। इसी दौरान पैसा डाक्टर को अपने पास ही मिल गया जो वह रखकर भूल गए थे। इसके बाद डाक्टर की बोलती बंद हो गई और कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
कर्मचारी नेता एसएस जोगटा की अध्यक्षता में कर्मचारी प्रिंसिपल से मिले और डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। कॉलेज प्रबंधन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कमेटी का गठन किया जो इस पूरे प्रकरण की जांच करेगी।
मामला इसी सप्ताह का बताया जा रहा है। डाक्टर माइनर ओटी में बैग लेकर गए और उन्होंने बैग स्टाफ नर्स को देकर कहा कि इसे लॉकर में रख दो लेकिन नर्स ने बैग वहीं रख दिया। डाक्टर जब घर पहुंचा तो रात करीब दस बजे नर्स को कॉल कर कहा कि बैग कहां हैं, उसमें 45 हजार थे। नर्स ने कहा कि बैग वहीं रख दिया था। अगली सुबह डाक्टर ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर शक जताया। पुलिस माइनर ओटी से 28 अगस्त को कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बिना किसी परमिशन के ले गई। इनसे लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी में पूछताछ की गई। महिला कर्मचारी के घर की तलाशी ली गई। वहां भी कुछ नहीं मिला। बताया जा रहा है कि संबंधित डाक्टर को घर पर ही पैसा मिल गया।

प्रोफेसर ने चोरी का झूठा आरोप लगाया : जोगटा
आईजीएमसी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा और महासचिव हरिंद्र मेहता ने कहा कि कर्मचारियों पर प्रोफेसर ने चोरी का झूठा आरोप लगाया। माइनर ओटी से ऑन ड्यूटी कर्मचारियों को पुलिस बिना किसी अनुमति के ले गई। प्रिंसिपल ने आश्वस्त किया है कि कमेटी का गठन कर मामले की जांच की जाएगी।

क्या कहता है प्रबंधन
प्रिंसिपल प्रोफेसर एसएस कौशल ने कहा कि कर्मचारी उनके पास शिकायत लेकर आए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। लक्कड़ बाजार पुलिस से भी कहा गया है कि आन ड्यूटी कर्मचारी को बिना प्रबंधन को सूचित किए बगैर क्यों ले जाया गया। पुलिस प्रशासन के आला अफसरों से इसके बारे में बात की जाएगी।

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