गुजरात चुनाव: इस बार आदिवासी भी डाल सकेंगे वोट

दक्षिण गुजरात के आदिवासी सतीपति संप्रदाय को पहली बार मतदाता सूची में शामिल किया गया है और 2012 के विधानसभा चुनावों में उनके वोट डालने की संभावना है। यह समुदाय अभी तक प्रशासन के साथ सहयोग करने से इंकार करता रहा था।

अधिकारियों ने कहा कि तापी, डांग, नर्मदा, वलसाड सहित कई जिलों में इस संप्रदाय के सदस्यों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया गया है और कुछ को मतदाता पहचान पत्र भी जारी किया गया है, जिससे चुनावों में उनके भाग लेने की संभावना बढ़ गई है।

आदिवासी समुदाय किसी भी सरकारी योजना से खुद को अलग रखने में गर्व महसूस करता है। सतीपति ‘आंदोलन’ स्वतंत्रता से पहले से (1930 के दशक में) गुजरात में सक्रिय रहा है लेकिन 1995 से इसकी चमक फीकी पडऩे लगी। डांग जिले में करीब 90 फीसदी आबादी आदिवासियों की है और इसे सतीपतियों का गढ़ माना जाता है। यहां इनकी आबादी करीब 3000 है। डांग के डीईओ पी. के. सोलंकी ने कहा, ‘‘डांग जिले में करीब 2500 सतीपतियों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया गया है। हमने घर-घर जाकर उन्हें मनाने का अभियान चलाया।’’

सोलंकी ने कहा, ‘‘उनके समुदाय के शिक्षित लोगों की सहायता से उन्हें मतदाता सूची में शामिल करने में सहयोग मिला। उनमें से कुछ को मतदाता फोटो पहचान पत्र जारी किया गया है और प्रक्रिया जारी है। हम उम्मीद करते हैं कि इस बार वे वोट डालेंगे।’’

गुजरात में 13 और 17 दिसम्बर को चुनाव होने हैं। नर्मदा के डीईओ मिलिंद तोरावाने ने कहा, ‘‘नर्मदा में सतीपतियों की संख्या करीब 600 है जिनमें से 75 फीसदी का नाम मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया है। हमारे निरंतर प्रयास और उनको मनाने से सूची में जिन लोगों का नाम शामिल किया गया उनमें से 50 फीसदी को फोटो मतदाता पहचान पत्र जारी किया गया है।’’

तोरावाने ने कहा, ‘‘समुदाय के शेष सदस्यों को मनाने का हम अब भी प्रयास कर रहे हैं।’’ चुनाव आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘अब भी कई कट्टरपंथी सतीपति हैं जो मतदाता पहचान पत्र के लिए फोटोग्राफ मुहैया कराने से इंकार कर रहे हैं, उनका नाम सूची में डालने और मुख्य धारा से उन्हें जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।’’

सोलंकी ने कहा, ‘‘हमारे बूथ स्तर के अधिकारी उनसे मिलेंगे और वोट डालने के लिए उन्हें मनाएंगे ।’’ उन्होंने कहा कि समुदाय के कुछ कट्टरपंथी लोग अब भी मतदान का विरोध कर रहे हैं। चुनाव आयोग अपने चरणबद्ध मतदाता जागरूकता और मतदाता भागीदारी कार्यक्रम के तहत गुजरात में आदिवासी समुदाय को मतदाता सूची में डालने पर जोर दे रहा है।

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